बेटे की लाश के पास बैठी थी मां: घर ले जाने किराया नहीं थे

शिवपुरी। ऐसे दिन भगवान किसी को न दिखाए आखों सामने अपने कलेजे के टुकडे की लाश और घर ले जाने को पैसे नही। ऐसा वाक्या खानियाधाना की महिला के साथ हुआ उसका बेटा ग्वालियर अस्पताल ने जिंदगी और मौत की लड़ाई में हार गया।

जानकारी के अनुसार खनियाधना की रहने वाली गुड्डी वंशकार के 10 साल के बेटे शिवा को कुछ दिनों से बुखार आ रहा था। इलाज के लिए गुड्डी ने उसे शिवपुरी जिला अस्पताल में भर्ती कराया था शिवा के शरीर में खून की काफी कमी थी। शिवपुरी में उसकी हालत में सुधार न आने पर गुरुवार को उसे ग्वालियर के कमलाराजा अस्पताल रैफर किया गया।

गुरुवार रात को उसे कमलाराजा अस्पताल में भर्ती करवाया गया शुक्रवार को शिवा की मौत हो गई उसकी मौत होने के बाद अस्पताल के स्टॉफ ने शव को गैलरी में रख दिया यहां उसकी मां बेटे के शव से लिपटकर रो रही थी।

अस्पताल के स्टॉफ ने पहले तो शव को बाहर ले जाने को कहा तभी पता चला कि गुड्डी के पास शव को वापस घर ले जाने के लिए पैसे नहीं है। जब यह जानकारी अन्य मरीज व उनके परिजनों को मिली तो तत्काल यह लोग मदद के लिए आगे आए।

आपस में रुपए इकठ्ठे कर करीब 5 हजार रुपए महिला को दिए यह जानकारी कुछ ही देर में जेएएच अधीक्षक डॉ. जेएस सिकरवार को भी मिली उन्होंने भी तत्काल एक हजार रुपए की आर्थिक मदद की तुरन्त एम्बुलेंस करवाई गई और शव को रखवाकर भिजवाया गया।

जानकारी यह भी मिल रही है कि 10 साल का शिवा खून की कमी से जूझ रहा था। शिवपुरी अस्पताल में वह भर्ती रहा जहां उसका इलाज चल रहा था उसकी मां के पास खाना खिलाने तक के पैसे नहीं थे।

जो अस्पताल में मिलता, वह खिला देती इस वजह से शिवा की तबीयत और अधिक बिगड गई थी। महिला को उसका पति छोड चुका है। गुड्डी स्वयं ही मजदूरी कर अपना और बेटे का भरण पोषण कर रही थी।