परिषद की बैठक: सीवर प्रोजेक्ट में बर्बाद हुई 14 सड़को के निर्माण का खुला पेच

शिवपुरी। सीवेज लाईन से क्षतिग्रस्त हुई चौदह सड़कों का निर्माण निविदा डालने वाली सेकेण्ड लोएस्ट फर्म आरएसए बिल्डर्स करेगी। न्यूनतम दर डालने वाली फर्म राज लक्ष्मी के ब्लैक लिस्टेड घोषित होने के कारण आरएसए बिल्डर्स को यह मौका दिया गया है।

लगभग दो करोड़ रूपए लागत की इन सड़कों के निर्माण का ठेका देने  का निर्णय आज नगर पालिका परिषद की बैठक में लिया गया। यह फर्म उसी दर पर काम करेगी जो दर टेंडर में राजलक्ष्मी ने भरी थी। बैठक में बीआरजीएफ फण्ड से कॉलेज में लायब्रेरी, परीक्षा हॉल का निर्माण करने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया और नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा ने बताया कि बीआरजीएफ फण्ड का उपयोग मूलभूत सुविधाओं में किया जाएगा।

हंगामेदार बैठक में जल प्रदाय शाखा में वितरण व्यवस्था पर होने वाले अनुमानित व्यय की स्वीकृति अगली परिषद की बैठक तक के लिए टाल दी गई। जबकि पूर्व नपा उपाध्यक्ष भानू दुबे के विरोध के बाबजूद जीआई सामग्री की क्रय हेतु 40 लाख रूपए की वित्तीय प्रशासकीय स्वीकृति बैठक में मिल गई। हालांकि श्री दुबे ने कोशिश की थी कि इस मामले को अगली बैठक तक के लिए टाल दी जाए।

बैठक में दो तीन मुद्दों पर भाजपा पार्षद विष्णु राठौर और भानू दुबे तथा कांग्रेस पार्षद आकाश शर्मा, इस्माईल खां आदि के बीच तीखी झड़प हुई। श्री दुबे ने नगर पालिका प्रशासन पर भ्रष्टाचार और निष्क्रियता के आरोप तक जमकर लगाये। हालांकि उनके अलावा अन्य सभी भाजपा पार्षदों ने चुप्पी साधे रखी।

चर्चा से स्पष्ट हुआ कि  भानू दुबे से भाजपा पार्षद अरूण पंडित और पंकज महाराज कई मुद्दों पर असहमत नजर आये। बहुत से भाजपा पार्षद जैसे मनीष गर्ग मंजू, बलबीर यादव आदि बैठक में उपस्थित नहीं हुए। जीआई सामग्री कि खरीद हेतु प्रशासकीय व्यय की स्वीकृति परिषद की बैठक में दिये जाने का भानू दुबे ने विरोध किया।

उनका तर्क था कि इस मामले में पार्षदों को विचार का अवसर मिलना चाहिये और इस स्वीकृति को अगली बैठक के लिए टाल दिया जाए। जिसका नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा, इस्माईल खां और आकाश शर्मा ने विरोध किया। नगर पालिका कर्मचारियों ने भी बताया कि यदि स्वीकृति नहीं मिली तो पाईप केवल और स्टार्टर नगर पालिका के पास न होने से समस्या बढ़ जाएगी।

यहां तक कहा गया कि जनता पार्षदों में जूते मारेगी। लेकिन भानू दुबे स्वीकृति दिये जाने के पक्ष में नहीं थे। उनका यह भी कहना था कि आठ माह पहले सीआई सामग्री खरीदी गई थी। उसका हिसाब किताब कहां है। उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा ने बताया कि मार्च में 50 लाख रूपए की सामग्री का वर्क ऑर्डर दिया गया था। लेकिन फर्म ने माल सप्लाई नहीं किया इस कारण उसके वर्क ऑर्डर को निरस्त करने का आदेश दिया गया था।

जब श्री शर्मा को यह पता चला कि वर्क ऑर्डर नपा कर्मचारियों ने निरस्त नहीं किये तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की। अंत में जनहित के कारण जीआई सामग्री क्रय करने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया, लेकिन जल प्रदाय शाखा में वितरण व्यवस्था पर होने वाले अनुमानित व्यय की स्वीकृति अगली बैठक के लिए टाल दी गई। बैठक में मु य नगर पालिका अधिकारी कमलेश शर्मा उपस्थित नहीं थे।