मीडिया पर भड़की प्रभारी मंत्री,कहा किसानो ने नही की आत्महत्या

शिवपुरी। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जिले की प्रभारी मंत्री कुसुम महदेले एक बार फिर अपने विवादास्पद बयान के चलते सुर्खियों में आ गई हैं। सोमवार को उन्होंने शिवपुरी सर्किट हाउस पर मीडिया से बात करते हुए पुन: दोहराया कि प्रदेश में किसी भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है।

उनका यह भी कहना था कि आत्महत्या क्रांतिकारी नहीं, वरन कायरता का कदम है। इस मौके पर उन्होंने मीडिया पर भी यह कहते हुए भड़ास निकाली कि मीडिया गलत छाप रहा है, निगेटिव बात को तरजीह देता है।

मीडिया से बात करने के उपरांत वे सीवर प्रोजेक्ट के चल रहे कार्य की स्थिति जानने कोतवाली के सामने पहुंचीं और यहां से वह सीधी उन ग्रामों के लिए निकल गईं जहां उन्हें सूखे की स्थिति का आंकलन करके किसानों को तसल्ली देना था।

इस मौके पर शिवपुरी कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं जिले के तमाम आला अधिकारियों के साथ-साथ भोपाल से आए पीएचई विभाग के ईएनसी भी थे।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सुश्री महदेले रविवार देर रात शिवपुरी पहुंचीं। जहां उनका स्थानीय भाजपा नेताओं ने स्वागत किया। सोमवार सुबह सर्किट हाउस पर मीडिया से चर्चा करते हुए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि न ही शिवपुरी में और न ही प्रदेश के किसी अन्य स्थान पर किसान ने आत्महत्या की है।

उनका कहना था कि आत्महत्या क्रांतिकारी कदम नहीं, बल्कि कायरता का कदम है। सुश्री महदेले ने कहा कि हमारे देश का किसान बहादुर, साहसी और धैर्यवान है, वह सूखे जैसी छोटी बात पर आत्महत्या नहीं करता। उन्होंने कहा कि किसानों की बदौलत ही हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान है।

एक बार फिर अपनी बात को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है और यदि की भी है तो वह पारिवारिक कारणों के चलते अथवा उनकी स्वाभाविक मौत हुई है।

एक सवाल के जवाब में वह बोलीं कि धैर्य कभी जवाब नहीं देता, धैर्य धैर्य होता है। उन्होंने किसानों की पीडि़त होने की बात अवश्य यह कहते हुए स्वीकारी कि किसान पीडि़त अवश्य है, लेकिन कमजोर नहीं। उन्होंने कहा कि पीड़ा उत्प्रेरक का काम करती है।

महदेले बोलीं- निगेटिव को तरजीह देता है मीडिया
लगातार प्रश्रों से झललाते हुए सुश्री महदेले बोलीं कि मीडिया गलत छाप रहा है। निगेटिव बात को तरजीह देता है। दमोह की हाल ही की घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कई सकारात्मक बातों को छोड़ मीडिया ने नकारात्मक बातें ही दिखाईं।

एक बार पुन: अपनी बात को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया की बात को मैं काट रही हूं और एक बार फिर अपनी बात को दोहरा रही हूं कि प्रदेश में किसी भी किसान ने आत्महत्या नहीं की।