शिवपुरी। क्षेत्रीय सांसद ज्यौतिरादित्य सिंधिया के आदेश पर शिवुपरी में चल रही जलक्रांति के समर्थन कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मण्डल भोपाल सीएम से मिलने पहुंचा। लेकिन शिवराज नही मिले,इस प्रतिनिधि मण्डल को सीएम के सचिव को ज्ञापन देकर ही संतोष करना पड़ा।
बताया गया है कि इस प्रतिनिधि मण्डल में चार विधायक शामिल थे लेकिन मु यमंत्री कार्यालय से कांग्रेेसियों को मु यमंत्री से मिलने का समय नहीं मिला। इस कारण सचिवालय जाकर कांग्रेेसियों ने मु यमंत्री के सचिव को ज्ञापन सौंपा और अल्टीमेटम दिया कि छह माह के अंदर यदि सिंध नदी का पानी शिवपुरी वासियों को नहीं मिला तो वे मु यमंत्री निवास का घेराव करेंगे।
कांग्रेस और भाजपा में जलक्रांति आंदोलन के दबाव के फलस्वरूप चल रही राजनीति में कल भाजपा ने मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सिंध नदी का पानी शिवपुरी लाने की घोषणा कराकर बढ़त हासिल कर ली थी।
उद्योग मंत्री यशोधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील रघुवंशी सहित भाजपाईयों ने मु यमंत्री को शिवपुरी की जनसमस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा था जिनमें प्रमुख मांग सिंध नदी का पानी, मेडीकल कॉलेज और सड़कों का निर्माण था।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद कांग्रेस हतप्रभ थी और कांग्रेस में मु यमंत्री को ज्ञापन देने के लिए जाने अथवा न जाने के बारे में दो मत थे लेकिन राजनीति ने कांग्रेस को विवश किया और कांग्रेसियों ने ज्ञापन देने के लिए भोपाल जाने का निर्णय लिया। परंतु मु यमंत्री से उन्हें मुलाकात का समय नहीं मिल सका। इसके बाद सचिवालय जाकर मु यमंत्री के सचिव को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन सौंपने वाले कांगे्रसियों में जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री बैजनाथ सिंह यादव, विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा, डग्गी राजा, महेन्द्र सिंह सिसौदिया, शकुंतला खटीक, रविन्द्र शिवहरे, हरवीर सिंह रघुवंशी, लक्ष्मीनारायण धाकड़, राकेश जैन आमोल, भरत रावत, राकेश गुप्ता, विजय शर्मा, विजय चौकसे, गणेश गौतम, संजय सांखला, एनपी शर्मा, चंद्रभान सिंह यादव, भूपेन्द्र यादव भोले सहित लगभग पचास कांग्रेसी शामिल थे।