शिवपुरी शहर या देहात: नाबार्ड ने भी कर दिया इंकार

शिवपुरी। पर्यटक नगरी शिवपुरी, स्वर्ग सी शिवपुरी, सिंधिया स्टेट की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिवपुरी अब एक और नया नाम और जोड दो जिला, देहात शिवपुरी इसी नाम से परिचय होना चाहिए इस जिले का, क्यो की पीने को पानी नही चलने के लिए सड़के नही।

अभी कुछ माह पूर्व एक प्रेसनोट जारी कर शहर को एक सपना दिखाया गया कि शिवपुरी की सड़के चमचमाती बनेंगी और इसके लिए शिवुपरी विधायक राजे ने लोकनिर्माण मंत्री सरताज सिंह से मुलाकात कर शिवुपरी की सड़को की जानकारी दी।

श्रीमति राजे के इस प्रयास से शिवपुरी की सड़को के लिए 38 करोड़ रूपए केन्द्र से स्वीकृत किए गए है यह राशि केन्द्र सरकार से मिलेंगी और यह रााशि नाबार्ड फंड से आऐगी। यह प्रेसनेाट दिन तीन तक छपा और बधाईयों के तांता लग गए थे।

परन्तु अब खबर आ रही है कि नाबार्ड ने इस फंड को जारी करने से मना कर दिया है। अब केवल शहर की वाईपास रोड ही बन पाऐगी और शहर के अंदर जो सीवर प्रोजेक्ट के तहत खोदी गई है वे सड़के नही बन पाऐगी।

कुल मिलाकर सड़कों के बनाने के प्रस्ताव में फोटो खिचवाकर प्रेस नोट जारी कर दिए गए। क्यों शहर को सपना दिखाया गया कि अब नगर वासियो को चलने के लिए शानदार चमचमाती सड़के होगी।

सिंध तो वेंटिलेटर पर रखी हो गई है उसमें 14 करोड़ का घोटाला भी गया है। कोढ में खाज ओर हो गई, जलावर्धन योजना काम करने वाली योजना दोशियान काम छोडकर भाग गई। लगातार जनता से वादे किए गए है कि काम अब शुरू होगा सरकार भी मान चुकी है कि यह काम अब दोशियान नही करेंगी किसी दूसरी कंपनी को ठेका देना पड़ेगा। ऐंजेसी भी बदलने के सामाचार भी छपने लगे है।

कुल मिलाकर जलावर्धन तो शहर को एक दुर्घटना की भांति ही भूलनी पडेगी और नाबार्ड ने पैसा न देने की खबर ने शहर की नींद उडा दी है, अब इस शहर की स्थिती अब देहातों जैसे हो गई है और इसे देहात शिवपुरी लिखने में कोई अतिशोयक्ति नही होनी चाहिए और हां राजे को भी अब विधायक देहात शिवपुरी लिखना शुरू कर देना चाहिए।