शिवपुरी। शिवपुरी के लिए सिंध सक्षात गंगा है, उसे शिवपुरी की लाईफलाईन कहना भी उचित होगा, शहर के प्यासे कंठो के प्यास बुझाने वाली योजना पर यहां के प्रतिनिधियों और सरकार ने क्यो इमरजैंसी लगा दी है, क्यों इस योजना को पिछले नियम कायदे-कानून में फंसाकर पिछले 7 साल से कैद कर रखा है।
पब्लिक पार्लियामेंट के लिए यह सुखद अनुभूति है कि यह आंदोलन उसने शुरू किया परंतु अब जलक्रांति पूरे शहर का आंदोलन बन गया है। ना किसी एक का नियंत्रण और ना किसी एक की नीतियां। शिवपुरी के तमाम संगठन एवं मानव समूहों अपने अपने स्तर पर, अपने अपने तरीके से इस आंदोलन में कूद पड़े हैं। जलक्रांति की इस सफलता से प्रशासन भी सकते में आ गया है।
हड़बड़ाए सिंधियाओं को भी अब सिंध याद आ गई है। बुआ और भतीजे दोनों के प्रेस नोट आ गए दोनों में एक ही बात, मैं धन्यवाद देता हुं कि शिवुपरी की जनता को कि वह अपने अधिकारों के लिए लड़ रही है। दोनों प्रेस नोटो में लिखा गया कि मैने यह योजना स्वीकृत कराई है।
विधायक राजे का प्रेस नोट मेें लिखा गया है कि यह योजना मेरे प्रयासों से शुरू हुई है और इसमें तकनीकी कारणों से इस योजना में विलंब हुआ है। इस कारण इसमें देरी हो गई है। इसको पूरा कराने के लिए में प्राण प्रतिज्ञा करती हुं। तकनीकी कारण का जानकार मान रहै है कि समय पर केन्द्र द्वारा एनओसी ना मिलना।
सांसद सिंधिया को प्रेस नेाट में लिखा गया है कि यह योजना मैने शुरू की है और इस योजना में देरी कारण प्रदेश सरकार है और भाजपा की नगर पालिका में पेडो की कटाई की अनुमति समय पर ना लेने के कारण यह योजना अधर में लटक गई है।
माफ करना शब्द कडे हो सकते है सवाल शिवपुरी के प्यासे कंठो का है, लिखने ही पडेगें यह आपके घर की नही लडाई है आज शहर सडक पर है। योजना पर करोड़ो फूंक फिर आज श्रेय राजनीति शुरू हो गई।
किसी ने सरकार से नही कहा कहा कि योजना चालू करे नही तो अनशन या भूखहडताल शुरू कर देगें मेरे क्षेत्र की जनता प्यास से मर रही है, शब्दों के मायाजाल में फिर फंसाया जा रहा है।
पिछले 7 साल से इस योजना केवल श्रेय की राजनीति चल रही है। श्रेय के कारण ही इस योजना पर काम बंद नियम कायदे कानूनो की इमरजैंसी लगा इसको कैद कर दिया। काम करवाने की इमरजैंसी किसी ने नही की।
इस कारण ही जनता ने इमरजैंसी पर जलसत्याग्रह पर आ गई और अब इस योजना का काम तो शुरू सरकार को करना ही पडेंगा नही तो यह आने वाले चुनाव में भाजपा की जमीन खिसक जाऐगी,नपा में भाजपा की पराजय उदा. आ चुका है जमा वोटो का ब्याज ना मिले तो कोई बडी बात नही होगी।
अब इस योजना का श्रेय केबल शहर की पब्लिक हो मिलेंगा और पब्लिक ही भागीरथ हो चुकी है हर नागरिक शिव-पुरी की गेगा के लिए तपस्या शुरू कर दी है। सरकार अभी भी जाग जाए नही तो यह शहर आंदोलन का शहर हो जाऐगा।
शहर अब यह कहने लगा है
सिंध-सिंध दोऊ करे, पानी ना लाए कोई
कुछ समय ओर ना आया, सोई पलायन होई