शिवपुरी। शिवपुरी शहर में चल रहे पानी के लिए आंदोलन अब रंग लाता आ रहा है पानी तो अभी नही आया है परन्तु विधायक का राहत भरा प्रेसनोट और अब सांसद जी का भी प्रेसनोट प्रेस की चौखटो पर आ गया है। पढिए प्रिय सांसद जी ने विदेश में बैठकर क्या लिखा है शहरवासियों को शहर की इस पीने के पानी की ज्वलंत समस्या, जिससे शहर का हर छोटा बड़ा नागरिक वर्षों से जूझ रहा हैए को समझकरए मैंने शिवपुरी के नागरिकों से वर्ष 2007 में शिवपुरी विधानसभा के मध्यावधि चुनाव वाई इलेक्शन, के दौरान वादा किया था कि मैं इस समस्या के समाधान हेतु मड़ीखेड़ा डेम से पानी की योजना आपके लिये स्वीकृत कराऊंगा।
वायदे के अनुरूप मैंने वर्ष 2008 में 60 करोड़ की योजना केन्द्र सरकार से स्वीकृत भी कराईए मगर दुर्भाग्य यह है इसका क्रियान्वयन प्रदेश सरकार के हाथ में हैए फिर भी मैं तब से निरन्तर ;प्रायरू प्रतिदिनद्ध ही इस योजना को शीघ्र पूर्ण कराने हेतु प्रदेश सरकार के संबंधित अधिकारियों से संपर्क करता हूॅ।
मगर जितना मेरा प्रयास इस योजना को शीघ्र पूर्ण कराने का रहता है उससे कहीं ज्यादा राज्य सरकार में बैठे भाजपा के व्यक्तियों का प्रयास इसमें अवरोध उत्पन्न करने का रहता है। उदाहरण के तौर पर अप्रैल 2013 में मैंने बड़ी मुश्किल से केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड, से माधव नेशनल पार्क क्षेत्र से लाइन को निकालने की मंजूरी दिलाई थी।
मगर उसके मूल प्रस्ताव में राज्य सरकार व भाजपा शासित नगर पालिका के संबंधित अधिकारियों ने जान बूझकर पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं मांगी।
अब पुन:पेड काटने की परमीशन लेने के लिये कार्य बंद है व मामला सुप्रीम कोर्ट की विशेष समिति से अनुमति हेतु विचाराधीन है जिसे शीघ्र प्राप्त करने हेतु मैं प्रयासरत हूॅ मगर उच्चतम न्यायालय अवकाश के कारण बंद है उ मीद है कि जुलाई माह में इसकी अनुमति प्राप्त हो जाएगी।
यदि उसी समय पेड़ काटने की अनुमति भी साथ में मांगी गई होती तो शायद 2014 की गर्मियों में शहर को पानी प्राप्त हो गया होता।
प्रदेश भाजपा सरकार मैं बैठे कुछ राजनैतिक लोग नहीं चाहते कि पीने के पानी की यह परियोजना, सीवर परियोजनाए,मेडीकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, नेशनल पावर ट्रेनिंग इंस्ट्रीटयूट, पॉलिटेक्नीक कॉलेज आदि परियोजनायें जो शिवपुरी व आसपास के क्षेत्र के विकास के लिये मैंने आप लोगों के सहयोग व समर्थन से विशेष प्रयास करके वर्षों पूर्व मंजूर कराई है।
परन्तु वह पूर्ण नही हो पा रही है उन्हे लगता है कि यदि यह परियोजनायें पूर्ण हो गईं तो जनता को तो इनसे लाभ मिलेगा पर उनकी नाकामी उजागर हो जायेगी जिस कारण से यह लोग उक्त परियोजनाओं को पूर्ण नहीं होना देना चाहते।
मैं तो शिवपुरी शहर के लिये मड़ीखेड़ा से पीने का पानी लाने की लडाई व अन्य योजनाओं को पूर्ण कराने की लड़ाई पिछले 8.-9 साल से राज्य सरकार से लगातार लड़ रहा हूॅ, मगर अब मुझे खुशी है कि शिवपुरी शहर की जनता भी इस लड़ाई को लडऩे के लिये पूरी तरह तैयार है, मुझे विश्वास है कि जनता के इस दबाव के आगे इन विकास विरोधी लोगों को घुटने टेकने पड़ेगे।
मैं अपने पिता कैलाशवासी माधवराव सिंधिया की तरह हमेशा जनहित के मुद्दों की लड़ाई आपके सहयोग से लड़ता आ रहा हूॅ और आगे भी हम इसी प्रकार मिलकर इस लड़ाई को तब तक लड़ते रहेंगे जब तक शिवपुरी शहर में मडीखेड़ा से पीने का पानी नहीं आ जाता।
अभी मैं विदेश प्रवास पर हूॅ, शीघ्र ही दिल्ली वापस पहुंचकर 2-3 जुलाई को शिवपुरी-गुना में रहकर आमजन से इस मुद्दे पर चर्चा के लिये उपस्थित रहूगां। तब तक मैंने कांग्रेस पार्टी के स्थानीय विधायकों से कहा है कि वह शहर के गणमान्य नागरिकों का एक शिष्टमंडल भोपाल ले जाकर मु यमंत्री से मिलकर इसमें राज्य स्तर पर शीघ्र कार्यवाही कराने का प्रयास करें।