मौत का इंजेक्शन लगाने वाले मुन्ना भाईयों से थर्राया कोलारस शहर

जयपाल जाट/कोलारस। शिवपुरी डीएम राजीवचन्द्र दुवे के निर्देशानूसार विगत दिनों शिवपुरी जिले के 173 पंजीक्रत चिकित्सकों की सूची मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जारी की गई थी। सूची में ऐसे चिकित्सकों को लिया गया था जिनका नाम संबधित कार्यालयों मे पंजीक्रत चिकित्सकों मे शामिल है। 

इसके अलावा डीएम ने जिलेभर में बडी सं या में चल रहे फर्जी एंव झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही करने के निर्देश क्षेत्र संबधित अधिकारियों को दिये थे। वहीं कोलारस शहर में केवल पंजीक्रत डॉक्टरों की सूची में केवल दस डॉक्टरों का ही नाम शामिल था। लेकिन कोलारस नगर में स्वास्थ्य महकमे के जि मेदारों ने डीएम के आदेशों का पालन करना तो दूर आदेशों को आदेश मानना ाी जरूरी नहीं समझा। 

क्योकि शहर मे दस रजिस्टर्ड डॉक्टरों के अलावा झोलाछापों की तादात एक सैकडा के करीव है। जो कि अपनी तादात के हिसाब से वे ाौफ मरीजों की जान से  िालवाड कर रहे हैं।

स्वास्थ्य वि ााग के जि मेदारों की मिली ागत के चलते फैलती जा रही हैं झोलाछापों की दुकानेें कोलारस नगर में इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों का गोर ाधंधा फैलता जा रहा है। ये डॉक्टर मरीजों की जान पर बन आये है। कोलारस नगर का ह्रदय स्थल कहा जाने वाला एप्रोच रोड एवं पुराना बाजार जहां क ाी लोगों की आवाजाही का शोरगुल दिन-रात गुंजता था। अव वह झोलाछाप डॉक्टरों की शरण स्थली बन चुका है। 

शहर के जगतपुर, ए बी रोड, राई रोड, कॉलेज रोड, ए बी रोड मानीपुरा, एप्रोच रोड, सदर बाजार आदि क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर इन दिनों दिन-दहाडे सैकडों लोगों को मौत का इंजेक्शन लगा रहे है। इन मौत के इंजेक्शनों से पूर्व मे कई लोग अकाल मौत के मुह मे समा चूके हैं।

अनपढों के हाथों में मेडीकलों की कमान
जानकारी के अनूसार मेडीकल का संचालन किसी ग्रेजूएशन व्यक्ति ही कर सकता है। लेकिन नियमों के साथ-साथ इन झोलाछापों ने शासन तक की ाी धज्जियां उडा डाली है। झोलाछापों ने नावालिक बच्चों के हाथों में मेडीकलों की कमान सौप र ाी है। वही परिद्रश्य मे कहा जा सकता है कि व्यापार बढाने के उददेश्य से डॉक्टरों ने कम वेतन पर हायर सेकेन्ड्री मान्यता वाले बच्चों के हाथों अपने मेडीकल में बैठाल र ाा है। लेकिन पैसे कमाने की चाह में झोलाछापों ने सारे नियम कायदे ताक पर र ा दिये हैं जो कि इन झोलाछापों के क्लिीनिकों में दे ाने को मिल रहा है। 

बिना उपयुक्त ज्ञान के इस प्रकार का मेडीकल संचालन घातक होता है और ऐसे प्रकरण भी इसी झोलाछाप के क्लीनिक में सामने आये हैं। जबकि अपात्र फर्जी चिकित्सकों के मेडीकल संचालकों द्वारा गलत दबाएं देने से रोगियों का मर्ज तक बिगड़ा है, रोगियों को गलत इंजेक्शन के रिक्शन भी हुए हैं। 

पिता डॉक्टर तो पिता की अनूपस्थिति में बच्चे ाी डॉक्टर
कोलारस में झोलाछापों ने सारे नियम कानून ताक पर रख दिए हैं। एक तो झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा रोगियों का उपचार किया जा रहा हैं, वहीं उनके बच्चे भी उनकी अनुपस्थिति में एलोपैथी पद्वति की औषधियां रोगियों को दे रहे हैं। 

लेकिन कोलारस स्वास्थ्य वि ााग के अधिकारीयों की इन झोलाछापों से सांठ-गांठ होने के कारण झोलाछापों के बच्चे मरीजों की जिन्दगी दाव पर लगाकर डॉक्टरी सी ा रहे हैं। लेकिन जिस दिन इन झोलाछापों की दरिंदगी का शिकार कोई मरीज अकाल मौत के मुंह में समा गया तो उसका जि मेदार कोलारस स्वास्थ्य वि ााग का निक मा अमला ही माना जायेगा।

स्वास्थय आयुक्त का आदेश ताक पर 
मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य आयुक्त ने 26 जुलाई 2011 को सभी कलेक्टरों व पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी करते हुए अपात्र एवं फर्जी चिकित्सकों जो अमान्य चिकित्सा पद्वतियों से रोगियों का उपचार कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करने के दिशा निर्देश जारी किए हैं। यही नहीं माननीय उच्च न्यायालय, माननीय मानव अधिकार आयोग ने भी अवैध चिकित्सा व्यवसाय पर चिंता जताई है। साथ ही जिला कलेक्टर राजीव चन्द्र दुवे ने ाी विगत पांच जनवरी को समस्म स्वास्थ्य अधिकारियों को ाी आदेश पारित किये थे कि शीघ्र ही मरीजों की जान से  िालवाड करने वाले झोलाछापों पर उचित कार्यवाही को अंजाम दिया जा सके।

दस डॉक्टर पंजीक्रत, उपचार कर रहे है सैकडों
मु य चिकित्सा अधिकारी व जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने जो सूची जारी की है। उसके अनूसार कोलारस शहर में केवल दस डॉक्टर ही पंजीक्रत हैं। जो इस प्रकार हैं। 
१डॉ प्रमोद कुमार गोयल
२डॉ सुरेन्द्र धाकड
३डॉ सीता गोयल
४डॉ वी एस धाकड
५डॉ पी के बिन्दल
६डॉ बी एस गुप्ता
७डॉ पी एस चौहान
८डॉ के एन पाराशर
९डॉ एम पी गुप्ता
१०डॉ कपिल मौर्य 
आदि पजींक्रत डॉक्टर दस की स ंया में ही हैं इसके अलावा स्वास्थ्य महकमेें की मिली ागत के चलते कोलारस शहर में तकरीवन एक सैकडा से अधिक झोलाछाप डॉक्टरों का संचालन वदस्तूर जारी बना हुआ है।