शिवपुरी। गत दिवस पीडब्ल्यूडी विभाग में कार्यरत कर्मचारी द्वारा लगाई गई फांसी का मामला अब एसडीओ के लिए मुसीबत का सबब बन रहा है। यहां परिजनों ने एसडीओ वर्मा व एक सिपाही की परेशानियों के चलते कर्मचारी सत्यनारायण शर्मा की मौत होना बताया है इसलिए परिजनों ने पुलिस से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ उचित कार्यवाही हो तभी सत्यनारायण की आत्मा को शांति मिलेगी। फिलवक्त पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर जांच में ले लिया है।
बताना होगा कि गत दिवस फिजीकल चौकी अंतर्गत स्थित बाबू क्वार्टर में रहने वाले पीडब्ल्यूडी कर्मचारी सत्यनारायण शर्मा ने बीते रोज अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में परिजनों ने विभाग के एसडीओ वर्मा व एक सिपाही यादव के दबाब की परिणीति बताया जिससे आहत होकर सत्यनारायण ने फांसी लगाई।
परिजनों ने बताया कि सत्यनारायण कई दिनों से मानसिक तनाव में था और गुपचुप था जब परिजनों ने उसके दर्द को कुरेदा तो सत्यनारायण ने एसडीओ वर्मा का नाम बताया जिसके दबाब का बोझ वह सहन नहीं कर सका, ना-ना प्रकार के काम सत्यनारायण से कराए जाते और नहीं करने पर उसे दुत्कारा जाता, ऐसे में इन सभी समस्याओं से आहत होकर सत्यनारायण यह सब सहन नहीं कर सका और उसने आत्महत्या कर ली। परिजनों ने पुलिस से मांग की है कि एसडीओ वर्मा व सिपाही यादव को भी आरोपी बनाया जाए और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
कहीं डण्डा बैंक ने तो नहीं ली जान
बताना होगा कि अक्सर किसी भी शासकीय विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारियों में इतना समन्वय होता है कि अक्सर वह अपने किसी भी आवश्यकता की पूर्ति के लिए धन का लेन-देन भी कर देते है।
अक्सर देखने में आया है कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अपने कर्मचारियों को अपने अधीन बनाए रखने के लिए उन्हें ना-ना प्रकार के प्रलोभन व रूपये पैसा देकर सेवक के रूप में इस्तेमाल करते है। ऐसे में कहीं सत्यनारायण की मौत भी इसी का सब तो नहीं। चर्चा है कि सत्यनारायण की मामले में भी शायद ऐसा ही हो और सत्यनारायण ने इसी डण्डा बैंक से आहत होकर आत्महत्या की हो ?