इस सप्ताह बन सकती है मुन्नालाल की किचिन कैबीनेट

शिवपुरी। नए नपाअध्यक्ष की प्रेसीडेंट इन काउंसिलिंग पीआईसी के गठन को लेकर कवायद तेज हो गई है नपाध्यक्ष की इस किचिन कैबीनेट के नाम से प्रसिद्ध इस पीआईसी में शामिल होने के लिए कांग्रेस के कई पार्षद सक्रिय देखे जा रहे हैं। नगर पालिका की इस नई पीआईसी का गठन इसी सप्ताह होने की संभावनाएं जताईं जा रहीं हैं।

पीआईसी में किसे सदस्य रखा जाए और किसे नहीं इसका अधिकार नगर पालिका अध्यक्ष पर होता है। नए नपा अध्यक्ष बने मुन्नालाल अब अपनी पार्टी के चुनावी गणित के हिसाब से इस पीआईसी में किन सदस्यों को तवज्जो देते हैं इस पर सबकी निगाहें हैं।

नगर पालिका की पीआईसी में अध्यक्ष और 6 पार्षद होते हैं इस प्रकार कुल 7 सदस्यीय पीआईसी होती है। अध्यक्ष का यह विवेकाधिकार है कि वह इस पीआईसी में किन पार्षदों को जगह दे। इसमें भाजपा कांग्रेस के अलावा निर्दलीय पार्षदों को भी नपाध्यक्ष अपने अधिकार से सदस्य बना सकते हैं।

वर्तमान परिषद में देखा जाए तो कांग्रेस अल्पमत में है। कांग्रेस के पास कुल 39 पार्षदों में से मात्र 12 पार्षद हैं जबकि भाजपा के पास 18 पार्षद जीतकर आए हैं। निर्दलीय पार्षदों की सं या 9 है। इसलिए इस सं या बल को ध्यान में रखकर भी नगर पालिका अध्यक्ष को अपनी पीआईसी बनानी होगी। यह तय है कि इस पीआईसी में निर्दलीयों को भी तवज्जो देनी होगी अन्यथा अल्पमत में रहने वाले कांग्रेस नपाध्यक्ष को साधारण सभा में प्रस्तावों को पास कराना इतना आसान नहीं रहेगा।

नपा अध्यक्ष को इस किचिन कैबीनेट में इसमें सात सदस्य अध्यक्ष सहित होते हैं। नियुक्ति के अलावा, नामांतरण 10 लाख तक के काम यह मंजूर कर सकती है। पीआईसी में ठहराव प्रस्ताव बाद में परिषद की बैठक में अनुमोदित कराने होते हैं। कर्मचारियों की नियुक्ति, उन्हें संविदा आधार पर रखने और कई महत्वपूर्ण कामों की यह स्वीकृति दे सकती है। पीआईसी में किए गए इन ठहराव प्रस्तावों को बाद में परिषद की साधारण सभा में पास कराना होता है।