11 साल बाद वापस मिले मांं के साथ गए लापता बच्चे

शिवपुरी। कहते है, ऊपर वाले का गणित कोई नही समझ सकता है वह अपनों से कब किसे दूर कर दे और कब किसे मिले दे ये कोई नही जानता है। ऐसा ही एक संयोग शिवपुरी में देखने को मिला। अपने पिता से बिछुडने के बाद बच्चे अपने पिता से 11 साल बाद मिले। इस परिवार को 11 साल बाद मिलते देख इस दृश्य को देख रहे सभी व्यक्तियो की आंखे नम हो गई।

जानकरी के अनुसार संजय कॉलोनी में रहने वाले पेश से मजदूर मोतीलाल प्रजापति का सोमवार का दिन खुशियां लेकर के आया। मोतीलाल को उसके ग्यारह साल पहले बिछड़े दो बच्चे मिले तो उनका गला रुंध गया। दिल्ली की एक संस्था श्बटर लाईश् के माध्यम से मिल गए।

मोतीलाल की पत्नी कुसुम बाई 2003 में अपने प्रेमी एक बाबा के साथ इन दोनों बच्चों को लेकर भाग गई थी। मोतीलाल ने गायब पत्नी बच्चों की कई बार तलाश की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अब समय ने इन बिछड़े बच्चों को अपने पिता से मिलाया तो यह दृश्य सोमवार को भावुक करने वाला रहा।

मोतीलाल प्रजापति की पत्नी कुसुम बाई 2003 में दो बच्चे गीता उम्र 3 वर्ष और शिवकुमार उम्र 5 वर्ष को लेकर अपने प्रेमी सखी बाबा के साथ भाग गई। महिला बाबा के साथ बच्चों को लेकर मथुरा में रहने लगी। बाद में बाबा ने इस महिला का संपर्क उसके एक दूसरे साथी सुखवीर से कराया तो यह महिला इसके साथ कुछ दिन रही लेकिन सुखवीर भी इस महिला को छोड़कर भाग गया।

अकेली महिला कुसुम अपने इन दोनों बच्चों का पालन पोषण मजदूरी कर दिल्ली के पास फरीदाबाद में रहने लगी। बीते सितंबर में महिला छत से गिर गई थी। महिला की इलाज के दौरान एम्स दिल्ली में इसकी मौत हो गई। एम्स प्रबंधन ने महिला की मौत के बाद इसके बच्चे गीता शिवकुमार जो अब क्रमश, 14 और 16 साल के हो गए हैं, बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था बटर लाई को सौंप दिया। इस संस्था ने इन बच्चे से बातचीत कर इनके सही पते ठिकाने के बारे में छानबीन की तो इस संस्था ने इनके बिछड़े परिवार का पता लगा लिया।

सोमवार को दिल्ली से संस्था से जुड़े किशन सिंह रितु एलिक इन बच्चों को लेकर शिवपुरी आए और यहां पर बाल कल्याण समिति के सामने इन्हें पेश किया। इस दौरान इन बच्चों के पिता मोतीलाल को बुला कर इन्हें सौंप दिया गया।

क्लू के आधार पर लगा पिता का पता
मां की मौत के बाद हमें यह दोनों बच्चे चार माह पहले मिले थे। इनसे बातचीत की तो इन्होंने हमें शिवपुरी के बारे में बताया। हमने इनके बताए गए कुछ क्लू के आधार पर इनके पिता का पता लगा लिया। सीडब्ल्यूसी ने इन दोनों बच्चों को पिता को सौंप दिया है।
किशनसिंह,
कार्यकर्ता एबटर लाई दिल्ली

इन्हें मदद दिलाने की कोशिश कर रहे हैं
'छानबीनके बाद हमने मोतीलाल को उसके दोनों बच्चे सौंप दिए हैं। दिल्ली में इन दोनों बच्चों को इनकी मां ने मेहनत कर अच्छा पढ़ाया है। अब हम सोच रहे हैं कि इन्हें यहां भी अच्छी शिक्षा मिले। इसलिए हम भी प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर इन्हें मदद दिलाने की कोशिश कर रहे हैं।
जिनेंद्र जैन
अध्यक्ष एसी डब्ल्यूसी शिवपुरी