विहिप की स्वर्ण जयंती वर्ष पर भगवा रंग में रंगा शहर

शिवपुरी। हिन्दू धर्मावलंबियों को एक मंच पर लाकर संगठित करने के उद्देश्य से आज विश्व हिन्दू परिषद का स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में शाखा शिवपुरी द्वारा विशाल हिन्दू स मेलन स्थानीय गांधी पार्क में आयोजित किया गया।


जिसमें बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक राजेश पाण्डेय और विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय मंत्री डॉ. सुरेन्द्र सिंह सहित बड़ी सं या में संत मौजूद रहे। कार्यक्रम से पहले बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने एक विशाल रैली शहरभर में निकाली। जहां रैली का फूल वर्षाकर और आतिशबाजी कर  भव्य स्वागत किया गया।

कार्यक्रम में अतिथिगणों ने सर्वप्रथम गऊ पूजा की और भगवान राम व भारत माता सहित सुभाषचंद्र बोस के चित्रों पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया। इसके बाद कार्यक्रम का आगाज हुआ।

विश्व हिन्दू परिषद का स्वर्ण जयंती वर्ष और नेता जी सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिवस पर आज विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने हिन्दू स मेलन का आयोजन किया। जो दोपहर 1 बजे से प्रारंभ हुआ जिसमें मु य अतिथि के रूप में पधारे कार्यक्रम के मु य वक्ता एवं बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक राजेश पाण्डेय और विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय मंत्री डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने अपने उद्बोधन दिए।

कार्यक्रम से पूर्व दोपहर साढ़े ग्यारह बजे विहिप के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय पोलोग्राउण्ड से एक विशाल रैली निकाली जो राजेश्वरी रोड, गुरूद्वारा चौराहा, नीलगर चौराहा, बड़ा बाजार, इमामवाड़ा, सुभाष पार्क, राजपुरा रोड से झांसी तिराहा होती हुई गुरूद्वारा चौराहा, माधवचौक चौराहा, एबी रोड कमलागंज, लक्ष्मीनिवास से भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन चौराहा हंस बिल्डिंग न्यूब्लॉक से कार्यक्रम स्थल पर गांधी पार्क पहुंची।

हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने शहर को भगवा रंग में रंग दिया। जगह-जगह भगवा झण्डे और श्रीराम के जयघोष से पूरे शहर को गुंजायमान कर दिया। रैली का शहरवासियों ने फूल बरसाकर और आतिशबाजी कर भव्य स्वागत किया। इस दौरान पुलिस बल भी तैनात किया गया।

रैली जैसी ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंची जहां मौजूद कार्यकर्ताओं और शहरवासियों ने रैली का स्वागत किया। इसके बाद हिन्दू स मेलन का शुभारंभ हुआ जहां मु य अतिथियों सहित अनेकों वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखे। मंच पर विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं सहित कार्यक्रम के संयोजक शंशाक चौहान व बाहर से पधारे संतगण मौजूद थे।