शिवपुरी। बैठे बैठे क्या करें, करना है कुछ काम...। की तर्ज पर लायन्स क्लब ऑफ शिवपुरी साउथ ने भी एक आयोजन कर डाला। यातायात सप्ताह के दौरान शहर के यातायात को व्यवस्थित करने वाले विभाग को अवैध वसूली से रोकने का उपक्रम करने के बजाए समाजसेवा के नाम पर उन्हें पुरस्कृत कर डाला।
संस्था लायन्स क्लब ऑफ शिवपुरी साउथ ने समाजसेवा के यज्ञ में 20 हेलमेटों की आहूति दी है। ये 20 हेलमेट उन्होंने यातायात विभाग को बतौर पुरुस्कार प्रदान किए हैं। समझ नहीं आ रहा कि पुरुस्कार के रुप में हेलमेट देने की क्या जरूरत। जिस दिन हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश में हेलमेट अनिवार्य किए, यातायातकर्मियों ने तो उसी दिन हेलमेट खरीद लिए थे और फिर हर रोज 2 लाख से ज्यादा की अवैध उगाही करने वाले विभाग को दान के हेलमेट की भला क्या जरूरत, जिन्हें जरूरत है वहां तक तो लायन्स क्लब पहुंच ही नहीं पाया।
इस आयोजन की हाईट देखिए यातायात विभाग ने घोषित किया है कि ये 20 हेलमेट पत्रकारों के बीच बांटे जाएंगे, ताकि वो लोगों को हेलमेट की उपयोगिता के प्रति जागरुक कर सकें। गोया, शिवपुरी में सिर्फ 20 ही पत्रकार हैं या शायद यातायात विभाग की अधिमान्यता सूची में सिर्फ 20 ही पत्रकारों को शामिल किया गया है। वो भी ऐसे जो हेलमेट जैसी कोई वस्तु मिलने के बाद ही लोगों को जागरुक करेंगे, अब तक जो करते आए थे, पता नहीं वो क्या था।
कटु वचनों के लिए क्षमा परंतु अपनेराम का तो मानना है कि यह आयोजन लायन्स क्लब की अर्थहीन प्रस्तुति है और यातायात विभाग के अधिकारियों का ऐलान मीडिया का अपमान। उन्हें याद दिला दिया जाना चाहिए कि मीडिया आम नागरिकों को जागरुक करने का काम हमेशा करती रही है और करती रहेगी। इसके लिए उसे किसी हेलमेट की जरूरत नहीं है। बेहतर होगा, वसूली बंद करें और यातायात व्यवस्था पर ध्यान दें, ताकि हाईवे पर किसी गरीब की दर्दनाक मौत ना होने पाए।