डकैतो ने चिठ्ठी बनाकर छोडा है मजदूर को, मैनेजर की रिहाई के मांगे 50 लाख

शिवपुरी। पिछले 24 घंटे की सबसे बडी खबर को हम लगातार आपके पास पंहुचा रहे है। गोपालपुर थानांतर्गत हुए टेलीकॉम कंपनी के मैनेजर सहित मजदूर के अपहरण में एक मजदूर तुलसी मुक्त हो गया है डकैतों ने उसे चिठ्ठी बनाते हुए मुक्त कर दिया है और अपहृत मैनेजर को मुक्त करने एवज में 50 लाख की फिरौती मांगी है।

तुलसी आदिवासी ने बताया कि वह और मैनेजर जब साइट पर काम कर रहे थे इसी दौरान तेज बारिश शुरू हो गई बचने के लिए उन्होंने एक पेड़ के नीचे तिरपाल तान ली पानी बंद हुआ तो वह रेलवे ट्रेक पर आ गए इसी दौरान अचानक खेत से सात हथियारबंद बदमाश वहां आ गए।

तुलसी के अनुसार बदमाशों ने घटनास्थल पर सबसे पहले उनकी पहचान पूछी थी जिस पर तुलसी ने स्वयं को आदिवासी मजदूर तथा मैनेजर को साहब कहकर संबोधित किया मैनेजर ने खुद को बचाने के प्रयास में आदिवासी बताया, लेकिन बदमाशों ने उसका पहनावा और हुलिया देख कर उससे कहा कि तू सोने की चेन और अंगूठी पहने है तू तो कहीं से भी आदिवासी नहीं लग रहा है।

वारदात वाले दिन डकैतों ने अपहरण दोपहर 1 बजे कर लिया था और सबसे पहले डकैतों ने इनके मोबाईल छुडा लिए और सिम तोडकर फैंक दी जिससे पुलिस को इनकी लोकेशन ना मिल पाए।

शुरूवात में हमने डकैतो का विरोध किया तो डकैतो ने हमे जमकर मारा-पीटा। अपहरण वाले दिन डकैत हमे ब्लूखो के फाटक से होते हुए बम्हारी के जंगलो में ले गए। डकैतो के पास खाने पीने को समान और बर्तन भी है, डकैतो ने हमे खाने में बिस्कुट दिए और घी भी पिलाया।

सभी सातों डकैतो ने स्र्पोर्ट जूते और जिंस व जैकेट पहनी है। मुरैना और भिंड की बोली बोल रहे है, 6 डकैतों पर 315 बोर की बंदूकें है और एक पर हॉकी है, वे आपस में कम ही बात करते है और करनी हो तो हमे दूर कर देते थे, सभी ने मुह को ढक रखा है और आपस में नाम भी नही लेते है।

पुलिस ने बताई यह काहानी आदिवासी के मुक्त होने पर
अपहृत तुलसी आदिवासी के मुक्त होने पर पुलिस का कहना है कि यह हमारी एडी टीम के कारण हुआ है हमारी एडी टीम ने डकैतो के फुटमार्क को देखकर गैंग का पीछा किया और बम्हारी के जंगलो तक जा पंहुची। डकैतो ने एक उची पहाडी पर शरण ले रखी थी और हमारी एडी टीम को दूर से ही देख लिया और भाग खडे हुए इसी अफरा-तफरी में आदिवासी मजदूर डकैतो के चुंगल से मुक्त हो गया है।

लेकिन डकैतो ने चिठ्ठी बनाकर रिहा किया तुलसी को
परन्तु प्रेस के सूत्र कह रहे है कि अपहरण वाले दिन रविवार की शाम को ही डकैतो ने इस आदिवासी मजदूर को अपनी चिठ्ठी बनाते हुए बम्हारी के जंगलो से छोड दिया और यह आदिवासी तुलसी डकैतो के चुंगल से मुक्त होकर पैदल चल धौलागढ फाटक पर पंहुचा और वहां से ट्रक में बैठकर सीधा अपने घर पंहुचा।

जैसे ही अपहृत आदिवासी तुलसी अपने घर पंहुचा, वहां लगी पुलिस ने उसे घर में ही घुसने नही दिया और उसे उठा ले गई और उसके साथ उसके पडौसी राजेन्द्र आदिवासी को भी उठा ले गई और यह बात राजेन्द्र आदिवासी के पिता ने प्रेस को बताई।

24 घंटे पूर्व भी की थी डकैतो ने लूटपाट
सूत्रो के अनुसार यह घटना गोपालपुर पुलिस की लापरवाही के कारण घटित हुई है बताया गया है कि अपहरण की 24 घंटे पूर्व गोपालपुर थाना क्षेत्र में खेत मेें काम कर रही महिला की कानों की बालियां लूटपाट करने का काम इस डकैतो के इस 7 सदस्यीय गिरोह ने किया था। और इसकी सूचना गोपालपुर थाने को भी दी गई परन्तु थाने ने उक्त महिला को डाटकर भगा दिया था।