हाई वॉल्टेज से एक दर्जन से अधिक घरों में रखे विद्युत उपकरण फुके

शिवपुरी। कृष्णपुरम कॉलोनी कोयला फेक्ट्री के पास रात्रि के समय अचानक वॉल्टेज बढ़ जाने से एक दर्जन से अधिक घरों के विद्युत उपकरण फुक गए। जिससे लाखों का नुकसान हो गया। इससे नाराज कॉलोनीवासी भीड़ की शक्ल में बिजलीघर पहुंचे और उन्होंने वहां घेराब कर दिया।

यह घटनाक्रम करीब एक घंटे तक चला, लेकिन कोई भी विद्युत अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। जबकि वहां मौजूद कर्मचारी इधर-उधर हो गए और घेराब की सूचना पुलिस को दे दी। बाद में पुलिस जब मौके पर पहुंची और लोगों की समस्या सुनकर उन्हें शांत किया। बाद में विद्युत कर्मचारियों ने लाइनमैन को बुलाकर कृष्णपुरम कॉलोनी रवाना किया। जहां लाइन को सुधारा गया।

जानकारी के अनुसार रात्रि करीब 12 बजे कृष्णपुरम कॉलोनी में अचानक हाई वॉल्टेज आ जाने से वहां रहने वाले मन्ना अग्रवाल के घर में लगे एसी में आग लग गई और वहां लगीं सीएफएल भी फुक गईं। इसके बाद जब श्री अग्रवाल घर से बाहर निकले तो बाहर ाी यही नजारा था। उनके पास रहने वाले बृजेश डांडे का फ्रिज और पंखा, राजेश डांडे का फ्रिज, मोनू कुशवाह की एलसीडी, कूलर, मनोज डांडे का लेपटॉप, सीएफएलें, तरूण शाक्य का फ्रिज, कूलर, पंखा, सीएफएल, शुभम डांडे का पंखा, राजा डांडे के दो कूलर, रॉकी ठाकुर के 6 बल्व, कूलर, आकाश डांडे का एक फ्रिज, पंखा, कूलर, लक्की भोला की सीएफएल, पंखा और घर के इलेक्ट्रॉनिक आइटम फुक गए।

इनके साथ-साथ अनेक कॉलोनीवासियों के भी घरों में लगे उपकरण फुक जाने से लाखों रूपये का नुकसान हो गया। जिससे कॉलोनीवासी आक्रोशित हो उठे और वह विद्युत विभाग की लापरवाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी कर माधव चौक पर स्थित बिजली घर पहुंचे। उन्हें देखकर वहां मौजूद कर्मचारियों ने गेट में ताला लगा दिया और तितर-बितर हो गए। जिससे लोगों की नाराजगी और बढ़ गई और वह नारेबाजी करने लगे। इसी बीच विभाग के कर्मचारियों ने पुलिस को सूचित कर दिया और पुलिस मौके पर पहुंची।

जहां लोगों को समझाईश दी और घर जाने के लिए पुलिस ने उन्हें कहा। लेकिन आक्रोशित लोग विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाने और उनको मुआवजा दिलाने की मांग पर अड़े रहे। तभी पुलिस ने विभाग के अधिकारियों से संपर्क साधा लेकिन उनके मोबाइल बंद मिले। तब पुलिस ने कर्मचारियों को वहां बुलाया और शीघ्र ही उनकी वॉल्टेज पर काबू पाने के लिए लाइनमैनों को वहां पहुंचाया। तब कहीं जाकर लोगों का आक्रोश शांत हुआ।