मेरे पति के जेठानी के साथ संबध है, मेरे बच्चे को गिराना चाहता है

शिवपुरी। शादी को अभी एक साल नही हुआ और पति और ससुरालियो ने गर्भवती बहू को घर से बहार निकाल दिया। पडि़ता ने बताया कि मेेरे पति के मेरी जेठानी के साथ अवैध संबध है,और मेरा पति मेरे कोख मे पल रहे मेरे बच्चे को मारना चाहता है मेरे को दहैज के नाम पर रोज प्रताडि़त किया जाता है। 

अबला जीवन तेरी यही कहानी आंचल में है दूध और आंख में पानी। गरीबी और नारी की दयनीय स्थिति को प्रसिद्ध कवियत्री महादेवी वर्मा की यह कविता अच्छी तरह रेखांकित करती है और कमलागंज शिवपुरी में इसी यातना को शादी के एक साल के भीतर ही ससुराल से बेदखल कर दी गई 24 वर्षीय श्रीमती चीना चुग भुगत रही है। ईश्वर ने सुंदरता तो दी, लेकिन गरीबी का आलम इतना है, पिता हैं लेकिन लकवाग्रस्त। मां लालबंती किसी तरह मात्र एक टिफिन के सहारे टिफिन सेंटर चलाकर परिवार का भरण पोषण करती हैं।

इसी गरीबी के चलते बिरमानी परिवार ने अपनी लाड़ली बिटिया की शादी करने के लिए समझौता किया। चीना के लिए जब उससे 11 साल बड़े हेमंत निवासी ग्वालियर का रिश्ता आया तो न चाहते हुए भी संबंध कर दिया गया, लेकिन फिर दहेज की मांग का सिलसिला शुरू हुआ और ससुराल जब चीना गई तो पता चला कि पति के उनकी भाभी के साथ अवैध संबंध हैं। विरोध किया तो दहेज की मांग और विकराल हुई तथा मारपीट कर चीना को घर से निकाल दिया गया। अपने मायके में रहकर चीना अब अपने भविष्य की लड़ाई लड़ रही है।

कहा कुछ भी जाए, लेकिन समाज की सच्चाई यह है कि गरीब परिवार पर एक कन्या का बोझ भी भारी पड़ता है, लेकिन गोपालदास के आंगन में तो एक नहीं चार-चार कन्याएं चहक रही थीं। गृहस्थी की गाड़ी ठीक-ठीक चल रही थी। वह कोर्ट रोड पर घड़ी की दुकान चलाते थे। विपदा तब आई जब वह लकवाग्रस्त हो गए और बिस्तर पर आ गिरे। इस विकट स्थिति में परिवार का बोझ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती लालबंती ने अपने नाजुक कंधों पर उठाया और तीन पुत्रियों की शादी किसी तरह की। अब चौथी पुत्री चीना की चिंता सताने लगी।

गांधी कॉलोनी में रहने वाली उनकी रिश्तेदार शांता बिरमानी ने ग्वालियर निवासी अपने भतीजे हेमंत का नाम जब बताया तो न चाहते हुए भी परिस्थितिवश लालबंती ने अपनी पुत्री के लिए इस बेमेल रिश्ते को स्वीकार कर लिया।  कुछ समय तक तो ठीक ठाक चला, लेकिन इसके बाद दहेज लोलुपों का असली चेहरा सामने आ गया।  पति हेमंत चुग, ससुर निर्मलदास चुग, सास उर्मिला चुग, जेठानी उसे प्रताडि़त करने लगे और ताने मारने शुरू कर दिये। चीना कहती है कि मैं अपनी माता-पिता की इज्जत और गरीबी का याल रखकर सारे दुख सहन करती रही।

यहां तक कि आरोपियों ने उसकी मारपीट करनी भी शुरू कर दी इसी बीच मेरा पति हेमंत और मेरी जेठानी के बीच अवैध संबंध होने की बात मेरे संज्ञान में आई और एक दिन मैंने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया जिसकी शिकायत मैंने अपनी सास, ससुर से की तो उन्होंने मेरी बात का विश्वास न करते हुए उल्टा मुझ पर ही चरित्रहीनता का आरोप लगाना शुरू कर दिया। ससुरालीजनों द्वारा इस तरह के आरोपों से खिन्न होकर मैंने चुप रहना ही उचित समझा, लेकिन मेरी आंख के सामने मेरे पति के साथ कोई दूसरी स्त्री संबंध बनाये यह मुझे बिलकुल भी अच्छा  नहीं लगा और मैंने जब एक बार फिर विरोध किया तो ससुरालीजनों ने मुझ पर फ्रिज, टीव्ही, वॉशिंग मशीन आदि लाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया और 10 नव बर को मुझे घर से बाहर निकाल दिया। तब मैं अपने पिता के घर आ गई।

फूफा टीआई है इसलिए कार्रवाई नहीं करती पुलिस

शादी के 11 महीने बीतने के बाद चीना को घर से ससुरालीजनों ने निकाल दिया जिसकी शिकायत उसने महिला डेस्क प्रभारी को की है, लेकिन उसका पति हेमंत चुग उसे धमकी दे रहा है कि उसका फूफा ग्वालियर में टीआई हैं और वह अपने प्रभाव के चलते पुलिस पर पकड़ बनाए हुए है जिस कारण पुलिस इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं करेगी।

बच्चा गिराने के लिए पति बना रहा है दबाव

ससुरालीजनों की प्रताडऩा झेल रही चीना को तब एक और बड़ा झटका लगा जब उसके पति हेमंत ने उस पर दबाव बनाया कि उसके पेट में जो बच्चा पल रहा है उसे गिरा दे। यह सुनकर चीना और दुखी हो गई, लेकिन चीना कहती है कि पति की इस हरकत के बाद वह अपने पति का साथ छोडऩे के लिए भी तैयार है क्योंकि वह अपने बच्चे को नहीं मार सकती।

गर्भवती होने के बाद भी इंदौर में दे रही परीक्षाएं

पति के घर से निकाले जाने और पिता की आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद भी चीना के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वह संघर्ष करते हुए बीकॉम फायनल की परीक्षाएं इंदौर में दे रही है। जबकि इस समय वह गर्भवती है और पति का साथ न मिलने से वह व्यथित भी है, लेकिन हौंसला इतना है कि इन परेशानियों के बावजूद भी वह संघर्ष करने से पीछे नहीं हटी।