शिवपुरी। सहरिया क्रांति के आदिवासियों ने आज जिला शिक्षा अधिकारी आफिस में पदस्थ एक बाबू को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़वाया। पकड़े जाने पर बाबू ने कान पकड़कर उठक बैठक लगाई और ली गई रिश्वत के पैसे वापस किए। यह रिश्वतखोरी डीएड परीक्षा फार्म में जिला शिक्षा अधिकारी की अनुमति हस्ताक्षर के लिए वसूले जा रहे थे।
शिवपुरीसमाचार.कॉम को मिली प्राथमिक जानकारी के अनुसार इन दिनों डीएड परीक्षा के फार्म जमा कराए जा रहे हैं। शिवपुरी से भी करीब तीन सौ स्टूडेंट्स इस परीक्षा के लिए आवेदन कर रहे हैं। इनमें आदिवासी छात्र भी शामिल हैं। इस प्रक्रिया में अनुमति के लिए जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर आवश्यक होते हैं। इसी सिलसिले में जब आदिवासी छात्र जिला शिक्षा अधिकारी आफिस पहुंचे तो वहां मौजूद एक लिपिक महाराज सिंह ने प्रति फार्म हस्ताक्षर के लिए 500 रुपए की मांग की। बिना रिश्वत के हस्ताक्षर कराने से इंकार कर दिया।
आज आदिवासी छात्रों ने सहरिया क्रांति से संपर्क किया एवं योजनाबद्ध तरीके से रिश्वतखोर बाबू को पकड़ लिया। जब हंगामा हुआ तो बाबू ने कान पकड़कर उठक बैठक लगाई एवं वहां मौजूद सभी छात्रों को वसूले गए पैसे वापस लौटाए। इस मामले में डिप्टी कलेक्टर नीता माथुर ने जिला शिक्षा अधिकारी को भी लताड़ लगाई एवं आरोपित बाबू को तत्काल इस जिम्मेदारी से मुक्त करने के आदेश दिए। इतना ही नहीं डिप्टी कलेक्टर नीता माथुर ने इस मामले की जांच स्वयं करने की घोषणा भी की।