आम आदमी पार्टी का वन संरक्षक के खिलाफ खुलेगा मोर्चा

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शिवपुरी। शहर के लिए जलावर्धन योजना के पानी के लिए अभिभाषक पीयूष शर्मा ने जिस प्रकार से हाईकोर्ट में याचिका लगाकर इस योजना के रोड़ों को हटाकर पुन: निर्माण कार्य की स्वीकृति दिलाई। जिस पर जनता में हर्ष व्याप्त था लेकिन गत दिवस जब कलेक्टर ने जलावर्धन योजना के निर्माण कार्य को लेकर बैठक बुलाई तो इस बैठक में वन संरक्षक शरद गौड़ ने पुर्नवाचिर याचिका लगाने की बात कहकर जनता की भावना से खिलवाड़ किया।

इस संदर्भ में अब आम आदमी पार्टी द्वारा आगामी समय में आचार संहिता समाप्ति के बाद वन संरक्षक के इस अव्यवहारिक रवैये के प्रति खेद जताकर धरना-प्रदर्शन करते हुए मोर्चा खोला जाएगा। यहां आम आदमी पार्टी की मांग होगी कि जनता के लिए महत्वाकांक्षी जलावर्धन योजना का कार्य शीघ्र पूर्ण हो ऐसे प्रयास किए जाने चाहिए। लेकिन यहां सीसीएफ की मनमानी और अड़ंगेबाजी के कारण ना केवल योजना अधर में लटक रही है वरन् उस पर खर्च होने वाला व्यय भी बढ़ रहा है।

जो योजना 60 करोड़ में स्वीकृत होकर आज 7 वर्षों से जनता की प्यास बुझाने को बेताब है उससे अब तक जनता को खाली बहसबाजी ही सुनने को मिली है। ऐसे में ना तो किन्हीं जनप्रतिनिधियों ने इस ओर अपनी आवाज उठाई और ना ही जनता के हितों को ध्यान में रखा जिससे योजना का व्यय अब 1 अरब 10 करोड़ होने को है। इसके बाद भी जब जैसे-तैसे माननीय उच्च न्यायालय ने वन संरक्षक के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें उन्होंने 9 किमी की पाईप लाईन बिछाने के नाम पर काटे जा रहे पेड़ों की आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद भी अब योजना को पुन: अधर में लटकाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में अब यदि मुख्य वन संरक्षक द्वारा रिव्यू अथवा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में रिट अपील हायर करने संबंधी सोच विचार किया जाए उससे पहले योजना का कार्य शुरू हो जाना चाहिए।

चूंकि उच्च न्यायालय के आदेश के तहत कलेक्टर, सीएमओ व वन विभाग की संयुक्त टीम को इस योजना के पूर्ण होने की जिम्मेदारी दी है इसलिए यदि शीघ्र अतिशीघ्र योजना का कार्य शुरू ना होकर योजना को बीच में लटका गया तो आम आदमी पार्टी आन्दोलन करने को बाध्य होगी। 

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