ब्राह्मण समाज ने यशोधरा के बजाए गोपाल भार्गव को बुलाया

शिवपुरी। सर्व ब्राह्मण समाज के द्वारा प्रति वर्ष आयोजित करने वाले सामूहिक विवाह स मेलन को लेकर आयोजन समिति से जुडे हुये सभी कार्यकर्ताओं ने सर्व ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों के मार्गदर्शन में कार्यक्रम की अंतिम रूप रेख तय कर ली है।
जहां एक ओर सर्व स मति से निर्णय के अनुसार संत समाज के श्रद्धेय बज्रानंद स्वामी, श्रद्धेय नवीन गिरी महाराज, श्रद्धेय सतानंद स्वामी को नव द पत्ति के आशीर्वाद हेतु आमंत्रण दिया है। वहीं सर्व ब्राह्मण समाज विवाह समारोह समिति के अध्यक्ष कैलाश दुबे के निवास पर हुई मीटिंग में ब्राह्मण समाज के राजनैतिक व्यक्तित्व को बुलाने के निर्णय के अनुसार ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव को आमंत्रण दिया गया है। 

केबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के आमंत्रण को लेकर भी ब्राह्मण समाज का एक वर्ग उत्साहित था लेकिन सर्व ब्राह्मण समाज ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुये अपनी राय दी। यशोधरा राजे सिंधिया ब्राह्मण वर्ग से नहीं है लिहाजा उन्हें कार्यक्रम में बुलाना उचित नहीं होगा और केवल ब्राह्मण समाज के व्यक्ति के आमंत्रण पर अपनी मुहर लगाई। अब राजे की जगह गोपाल भार्गव कार्यक्रम में उपस्थित हो सकते हैं।

इस बार के आयोजन को लेकर भी समाज का एक वर्ग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के आमंत्रण पर जोर दे रहा था, लेकिन ब्राह्मण समाज के अधिकांश लोगों की इस विषय पर नकारात्मक राय थी। उनका तर्क था कि यशोधरा राजे सिंधिया केवल चुनावी दृष्टि से ब्राह्मणों को अपने साथ समेटकर चलती हैं लेकिन चुनाव होने के बाद उनकी गतिविधियां हमेशा ब्राह्मण समाज के खिलाफ रहती हैं और जिन लोगों को ब्राह्मणों के नाम पर उन्होंने समेट के रखा है उनकी समाज में न तो कोई रूचि है और न वह समाज के लोगों की मदद करते हैं।

लेकिन कुछ लोग ज्योरिादित्य सिंधिया के समर्थक होने के कारण किसी दूसरे राजनैतिक व्यक्ति को बुलाने पर तैयार नहीं थे, लेकिन उनकी सं या बहुत कम थी। इस कारण उनकी बात को तबज्जो नहीं मिली। अंत में कैलाश दुबे के निवास पर जो बैठक हुई उसमें निर्णय हुआ कि संत समाज के अलावा केवल ब्राह्मण समुदाय के व्यक्ति को जो किसी भी राजनैतिक दल से संबंधित हो आमंत्रण दिया जायेगा उसी के आधार पर गोपाल भार्गव को आमंत्रित किया गया है। जिला प्रशासन पर भले ही उनके कार्यक्रम की सूचना न पहुंची हो लेकिन जो लोग आमंत्रित करने गये थे उन्हें गोपाल भार्गव ने अपने आने की स्वीकृति दे दी है।