शहर के 121 मतदान केन्द्रों में से 98 पर मिली सिंधिया को पराजय

शिवपुरी। शिवपुरी गुना संसदीय क्षेत्र में शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र खासकर शहरी मतदान केन्द्रों के मतगणना के आंकड़े खासे चौकाने वाले रहे हैं। शहर में पहली बार सिंधिया फेक्टर धराशायी हुआ है और मोदी लहर जमकर चली है।
शिवपुरी शहर में भाजपा प्रत्याशी जयभान सिंह पवैया ने जहां लगभग 40 हजार मत प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया महज 28 हजार मत ही प्राप्त कर पाए। शहर के 121 मतदान केन्द्रों में 98 में उन्हें हार झेलनी पड़ी जबकि कुल 23 मतदान केन्द्रों पर उनकी भाजपा प्रत्याशी जयभान सिंह पवैया के मुकाबले बढ़त रही। खासकर अल्पसं यक इलाकों में उन्हें अधिक मत मिले तथा वैश्य और ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र में सिंधिया पवैया से पीछे रहे। पहली बार शिवपुरी शहर में सा प्रदायिक आधार पर मतों का ध्रुवीकरण हुआ। इसके दो कारण रहे एक तो नरेन्द्र मोदी की शिवपुरी में आमसभा होना और दूसरा कारण यह रहा कि सिंधिया के चुनाव प्रचार का श्री गणेश जहां गुलाम नवी आजाद ने किया वहीं समापना सलमान खुर्शीद ने किया। इससे अल्पसं यक वर्ग के शत् प्रतिशत मत सिंधिया के पक्ष में गए वहीं इसकी प्रतिक्रिया भी देखने को मिली और जिसका फायदा भाजपा प्रत्याशी जयभान सिंह पवैया को हुआ।

इन केन्द्रों पर बनाई बढ़त
शिवपुरी शहर में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में मतदान केन्द्र क्रमांक 19, 24, 30, 39, 45ए, 56, 65, 68, 69, 71, 72, 73, 75, 76, 77, 77ए, 79, 86, 87, 92, 105, 114, 114ए रहे। इन सभी मतदान केन्द्रों से श्री सिंधिया ने कुलमिलाकर 3268 मतों की बढ़त बनाई। ये मतदान केन्द्र कमलागंज और पुरानी शिवपुरी क्षेत्र के हैं। इनमें से सर्वाधिक मतों से सिंधिया को बढ़त मतदान केन्द्र क्रमांक 105 में मिली जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जयभान सिंह पवैया से 595 मतों की विशाल बढ़त बनाई। इस मतदान केन्द्र से श्री सिंधिया को जहां 710 मत मिले। वहीं पवैया महज 115 मत ही प्राप्त कर पाए। मतदान केन्द्र क्रमांक 75 से श्री सिंधिया ने 373 और मतदान केन्द्र क्रमांक 72 से 311 मतों की बढ़त बनाई। जबकि मतदान केन्द्र क्रमांक 69 में वह सिर्फ 5 मतों से श्री पवैया से आगे रहे। लेकिन इसके अलावा पूरे शहर से सिंधिया पवैया से पीछे रहे। मतदान केन्द्र क्रमांक 66 में वह जयभान सिंह पवैया से 363 मतों से पीछे रहे और मतदान केन्द्र क्रमांक 54 में भी जयभान सिंह पवैया को सिंधिया से 286 मत अधिक मिले। जिन 98 मतदान केन्द्रों पर सिंधिया को पराजय मिली। वहां वह पवैया से औसतन प्रति मतदान केन्द्र 150 मतों से पीछे रहे।

शहर में सिंधिया को मिली पराजय
शहर में सिंधिया की हार का एक प्रमुख कारण यह भी रहा कि कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता सिर्फ मुंह दिखाई की रश्म में लगे रहे। वह इस आत्मविश्वास से परिपूर्ण थे कि सिंधिया अपनी उपलब्धि के बलबूते स्वयं जीत जाएंगे और श्रेय वह बटोर लेंगे। यहां तक कि जिन बड़े विजातीय नेताओं ने शिवपुरी में कमान संभाली वह भी सुबह और शाम ही कार्यालय में नजर आए और भरी दोपहरी उन्होंने एसी की ठण्डी हवा में गुजारी। कांग्रेस नेता सिंधिया की उपलब्धियों को जन-जन तक नहीं पहुंचा पाए। कांग्रेस के प्रचार अभियान में जिस तरह से अल्पसं यक कार्यकर्ताओं को आगे किया गया उसकी प्रतिक्रिया अन्य वर्ग के कार्यकर्ताओं में देखने को मिली। शिवपुरी शहर में जिन कांग्रेस नेताओं की लाज बची वह हैं पदम चौकसे,इरशाद पठान, सफदरवेग मिर्जा,इब्राहिम खान आदि इसके अलावा कांग्रेस के अन्य बड़े स्थानीय नेता और कार्यकर्ता अपने वार्डों में ही सिंधिया को नहीं जिता पाए।

शहर ने विधानसभा चुनाव की लय बनाकर रखी
6 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में भी शहर के मतदाताओं का यही रूझान रहा था। उस दौरान भाजपा प्रत्याशी यशोधरा राजे सिंधिया शहर से लगभग 13 हजार मतों से जीती थीं तब कांग्रेस प्रत्याशी बीरेन्द्र रघुवंशी ने सिंधिया पर आरोप मढ़ा था कि उन्हें सिंधिया ने पराजित किया है, लेकिन सिंधिया को भी शहर से उतने ही मत मिले जितने श्री रघुवंशी को मिले थे। इस कारण शहर में पराजय के बावजूद भी श्री सिंधिया को कम से कम यह क्लीनचिट मिल गई है कि उन्होंने बीरेन्द्र रघुवंशी को नहीं हराया था।