गर्मी बढ़ते ही चढ़ा पारा, चिलचिलाती धूप में कूलर-पंखे ही बने सहारा

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शिवपुरी। पिछले दो दिनों से बारिश और आंधी के कारण मौसम में ठण्डक घुल जाने के बाद आज अचानक पारा बढ़ जाने से गर्मी का प्रकोप बढ़ गया। चिलचिलाती धूप से बचने के लिए लोगों ने तरह-तरह के उपाय शुरू कर दिए हैं।
वहीं गर्मियों में गर्मी से बचने के लिए लोगों के पास सिर्फ कूलर-पंखे और ठण्डे पेय पदार्थ काम आते हैं, लेकिन इन दिनों विद्युत सप्लाई का ढर्रा बिगड़ा हुआ है। ऐसी स्थिति में लोगों की मुसीबतें बढऩा शुरू हो गई है। वहीं बिजली न होने के कारण पेयजल व्यवस्था भी ध्वस्त हो गई है। ऐसी स्थिति में इन गर्मियों में नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। वहीं सूर्य की चुभने वाली किरणें सुबह से ही लोगों को बेहाल कर रही हैं। 

उल्लेखनीय है कि सिंधिया राजवंश की ग्रीष्मकालीन नगरी शिवपुरी में इन दिनों गर्मी के प्रकोप से यहां के रहवासी कराह उठे हैं। सुबह से सूर्य की तीखी किरणें पड़ते ही लोग पसीने से तर हो गए हैं। जबकि दो दिन पहले तेज आंधी और बारिश ने लोगों को एक बार कंपकंपाने पर मजबूर कर दिया था और चालू हुए कूलर पंखे बंद हो गए, लेकिन आज सुबह से ही गर्मी ने भीषण रूप धारण कर लिया। लोगों को पसीने से तरबतर कर दिया। वहीं शहर में विद्युत व्यवस्था का ढर्रा बिगड़ा होने से लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। गर्मी के साथ-साथ शहरवासी इन दिनों पेयजल समस्या से भी जूझ रहे हैं। 

ऐसी स्थिति में लोगों की परेशानी डबल हो गई। शहर में जहां बिजली कटौती 6 से 8 घंटे प्रतिदिन हो रही है। लोग जहां गर्मी से बचने के लिए कूलर और पंखों की आश में थे, लेकिन बिजली कटौती बढऩे से गर्मी से बचने का यह उपाय भी ध्वस्त हो गया है। वहीं गर्मियों में ठण्डे पेय पदार्थ भी बिजली न होने से ठण्डे न नहीं हो पा रहे हैं। इस कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है। वहीं शहर में धड़ाधड़ हरे-भरे पेड़ कटने से छावयुक्त स्थान भी खत्म हो गए हैं। ऐसी स्थिति में आने वाले समय में यह समस्या और गंभीर होने की स्थिति में दिख रही है। क्योंकि अभी तो गर्मियों की शुरुआत है और आने वाले दो महीनों में गर्मियां अपनी चरमसीमा पर होती हैं।



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