एडीपीओ के बाद अब सिविल सेवा में हुए चयनित राकेश

शिवपुरी। अपने लक्ष्य की ओर एक-एक कदम बढ़ाकर आगे बढ़ते रहने का जो स्वप्न जिले के नरवर विकासखण्ड के ग्राम भीमपुर के ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े राकेश जाटव ने देखा उसमें वह अपने प्रयासों से एडीपीओ(सहायक लोक अभियोजन अधिकारी) तो बन गया लेकिन इसके बाद भी उसे अपने कार्य में संतुष्टि नहीं मिली और एक जज के रूप में बनाए गए अपने लक्ष्य को समय-समय पर साधता रहा।
जिसका परिणाम यह हुआ कि गत दिवस निकले सिविल सेवा परीक्षा परिणाम में राकेश ने एससी-एसटी कोटे से प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मूलत: नरवर जिले के ग्राम भीमपुर में श्रीमती माखोबाई-राजाराम की संतान राकेश जाटव ने शुरूआत शिक्षा ग्राम में ही हासिल की और उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए शिवपुरी आए।

यहां वर्ष 2000 में बी.कॉम.,2003 में एलएलबी करने के बाद पांस साल वर्ष 2009 तक जिला न्यायालय शिवपुरी में ही सेवा की और इसके बाद सहायक लोक अभियोजन अधिकारी एडीपीओ के पद पर चयनित हुए। यहां से इंदौर पदस्थी के दौरान वर्ष 2009 से 2014  के बीच राकेश ने कड़ी मेहनत की और अब सिविल सेवा में चयनित हुए। सिविल जज के रूप में चयनित हुए राकेश जाटव ने बताया कि गंभीर परिस्थितियों में उसे उसके माता-पिता ने शिक्षा अध्यापन कराया जहां मॉं ने उच्च शिक्षा के शिक्षण शुल्क के लिए अपने गहने तक बेच दिए थे। मॉं-बाप के सपनों को सच करने का जो सपना राकेश ने देखा वह अब पूरा हो सका। 

इस दौरान राकेश ने म.प्र.उच्च न्यायालय द्वारा आयोजित परीक्षा सिविल सेवा वर्ग-2 की तैयारी की और अपने पहले प्रयास में असफल होने के बाद पुन: प्रयास करते हुए द्वितीय प्रयास में सफलता अर्जित की। इस परिणाम में राकेश ने एससी कोटे से प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। राकेश ने बताया कि इस अपार सफलता का श्रेय वह अपने माता-पिता को देते है साथ ही पत्नि श्रीमती शबनम व ससुर बी.आर.निबौरिया को अपना प्रेरक बताते है। जिन्होंने हर परिस्थिति में संबल प्रदान किया और आज राकेश ने शिवपुरी अंचल का नाम प्रदेश में रोशन कर दिया। इस अपार सफलता पर राकेश जाटव को सिविल जज बनने पर उसके ईष्ट मित्रों, परिजन, सहयोगी एवं नगरवासियों ने बधाईयां दी है।