उपदेश अवस्थी/भोपाल। देश में ईमानदार और संघर्षशील राजनीति का दूसरा नाम बन रहे आम आदमी पार्टी गुना लोकसभा सीट पर सिंधिया से सेट हो गई। आमआदमी पार्टी ने यहां एक ऐसे आदमी को टिकिट दिया है जो लोकसभा चुनाव तो क्या, गुना लोकसभा के किसी भी वार्ड से पार्षद तक का चुनाव नहीं जीत सकता।
योग्य, स्थानीय एवं प्रतिभावान युवाओं को टिकिट बांटने निकली आम आदमी पार्टी ने गुना शिवपुरी लोकसभा सीट से किसी शैलेन्द्र सिंह कुशवाह को टिकिट दिया है। इस बारे में जब लोकसभा के योग्य, स्थानीय एवं प्रतिभावान नागरिकों से बात की गई तो कई अजीबोगरीब बातें सामने आईं।
प्रत्याशी का परिचय क्या है
गुना लोकसभा के लोग आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को जानते तक नहीं। खुद आम आदमी पार्टी के सदस्य तक शैलेन्द्र सिंह को नहीं जानते। हां, टिकिट की रेस में शामिल कुछ नेताओं ने बताया कि शैलेन्द्र सिंह कुशवाह ग्वालियर में आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं। वो ही शिवपुरी में उचित प्रत्याशी की तलाश में आए थे। आज पता चला कि जो व्यक्ति टिकिट बांटने आया था, वो मेंडेड पर अपना ही नाम लिखवा लाया है।
सवाल क्या है
सवाल सिर्फ यह है कि क्या गुना और शिवपुरी की करीब 30 लाख की आबादी में आम आदमी पार्टी को एक भी ऐसा योग्य, प्रतिभावान एवं स्थानीय व्यक्ति नहीं मिला जो वो किसी ग्वालियर निवासी को टिकिट देकर यहां लड़ाने भेज रही है। क्या आम आदमी पार्टी के चश्मे में कोई सुराख हो गया है जो उसे गुना शिवपुरी में युवा, जुझारू और ईमानदार इंसान नहीं दिखते या फिर वो देखना ही नहीं चाहती।
संदेह क्या है
गुना में सिंधिया का सामना करना अच्छे अच्छों के बूते की बात नहीं है। यहां प्रारंभ से ही चुनाव फिक्स होते आए हैं। यहां चुनाव पार्टियों और प्रत्याशियों के बीच नहीं होते बल्कि सिंधिया और सिंधिया विरोधियों के बीच होते हैं। सिंधिया समर्थक हमेशा दावा करते हैं कि ऐसी कोई पार्टी नहीं है जिसमें सिंधिया की पेठ ना हो। भाजपा हो या कांग्रेस, सिंधिया के खिलाफ कोई भी पार्टी दमदार प्रत्याशी नहीं उतारती। इस बार बारी भाजपा की है और पूत के पांव सबको पालने में दिखाई दे गए हैं। उमा भारती ओर जयभान सिंह पवैया मैदान छोड़कर भाग चुके हैं। भाजपा के पास कोई दमदार नाम शेष नहीं रह गया है।
लोगों को एक उम्मीद थी कि आम आदमी पार्टी किसी चमत्कारी व्यक्तित्व को लेकर आएगी। कोई ईमानदार रिटायर्ड प्रशासनिक अफसर या फिर कोई हाई क्वालीफाइड ईमानदार युवा जो कम से कम सिंधिया के सामने सीना तानकर खड़ा हो सके, परंतु शैलेन्द्र सिंह कुशवाह को टिकिट देने के बाद आम आदमी पार्टी ने भी सिंधिया के सामने घुटने टेक दिए हैं। वो भी सिंधिया से सेट हो गई और एक डमी कैंडीडेट भेज दिया मैदान में नूरा का मुर्गा बनाकर कुश्ती के लिए।
अब जब बाहरी प्रत्याशी थोपेंगे तो कम से कम इतने आरोप तो बनते हैं।