श्री बांकड़े मंदिर पर कथा में महाराजश्री ने बताया प्रभु भक्ति का महत्व

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शिवपुरी- जिस प्रकार से मन लगाकर किया जाने वाला कार्य सिद्ध होता है उसी प्रकार से पूरे सच्चे मन से की श्रद्धा भी फलदायी होती है ईश्वर के प्रति श्रद्धा और शक्ति का स्वरूप ही प्रभु भक्ति है यह हमें श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से पता चलता है यही वजह है कि कथा में सारे संसार का गूढ़ रहस्य छिपा है और जिसने इसे जान लिया है वह भवसागर पार हो गया है इसलिए हमेशा प्रभु भक्ति सच्चे मन और शक्ति के साथ करें ताकि प्रभु आपकी इस अमिट श्रद्धा से सदैव प्रसन्न रहें।
श्रद्धा भक्ति का यह मार्ग प्रशस्त कर रहे थे प्रसिद्ध राष्ट्रीय कथा व्यास भागवत मर्मज्ञ आचार्य डॉ.गिरीश जी महाराज जो स्थानीय श्री सिद्ध क्षेत्र बांकड़े हनुमान मंदिर पर आयोजित कथा में प्रभु भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाल रहे थे। इस दौरान विधि-विधान से श्रीमद् भागवत पूजन हुआ तत्पश्चात मु य यजमान व अन्य यजमानों के द्वारा मंत्रोच्चारण विधि से पूजा अर्चन कराया गया। कथा के द्वितीय दिन महाराजश्री ने श्रद्धालुओं को भक्ति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए ईश्वरीय गुणगान किया। इस अवसर पर आसपास के अन्य गांवों के हजारों ग्रामीणजन कथा का धर्मलाभ लेने कथा स्थल पर पहुंचे। श्री बांकड़े बिहारी भागवत सेवा समिति शिवपुरी के तत्वाधान में आयोजित कथा में 108 यजमानों के द्वारा पुण्यलाभ अर्जित किया जा रहा है जो सपरिवार शामिल होकर प्रतिदिन कथा के विभिन्न स्वरूपों को आत्मसात कर अपने जीवन में उतारने के लिए कृत संकल्पित है। इस अवसर पर श्री बांकड़े हनुमान मंदिर के महंत गिरिराज जी महाराज का सानिध्य भी श्रद्धालुओं को प्राप्त है।  अति विशाल पाण्डाल में आयोजित कथा में प्रतिदिन श्रीकृष्ण महारासलीला का भी भव्य आयोजन किया गया है जिसमें श्रीराधा रासेश्वरी रासलीला मण्डल वृन्दावन द्वारा कथा उपरांत देर शाम प्रभु की विभिनन लीलाओं को सचित्र वर्णन किया जाता है रासलीला के मूर्धन्य रासाचार्य दामोदर दास काठिया बाबा हैं जिनके सानिध्य में सायं 7 बजे से महारासलीला का आयोजन किया जा रहा है।


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