खदान माफिया ने फोरेस्ट गार्ड को गोली मारी

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शिवपुरी। जिले के तेंदुआ थाना क्षेत्र में बीती रात्रि शासकीय मशीनरी के रूप में वनो की रक्षा और अवैध उत्खनन में लगे वनकर्मियों पर कुछ उत्खननकर्ताओं ने जानलेवा हमला बोल दिया और गोली मारकर एक वनकर्मी को घायल भी कर दिया।

वनकर्मी ड्यूटी के समय अवैध उत्खनन की सूचना मिलने पर कार्यवाही करने पहुंचे थे जहां तीन ट्रेक्टर खण्डों से भरे हुए वन विभाग की टीम को मिले जिसके तहत कार्यवाही को अंजाम दिया तो ट्रेक्टर चालक अंधेरे का मौका पाकर भाग निकले।

जब इस घटना के बारे में उत्खनकर्ताओं के संरक्षणदाताओं को यह खबर लगी तो वह मौके पर पहुंचे और वनकर्मियों पर ट्रेक्टर छोडऩे का दबाब बनाया लेकिन वन टीम नहीं मानी और इसी बीच विवाद इतना बढ़ा कि एक आरोपी ने वन विभाग की टीम के एक कर्मचारी पर गोली से जानलेवा हमला बोल दिया जिससे वनकर्मी घायल हो गया और उत्खननकर्ता पकड़े ट्रेक्टरों को लेकर मौके से भाग खड़े हुए।

घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायल वनकर्मी को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया और तीन आरोपियों के विरूद्ध धारा 307, 353, 186, 294, 34 आईपीसी के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया।

यूं घटित हुई घटना

घटनाक्रम के अनुसार पता चला है कि तेंदुआ थाना क्षेत्र में बीती रात्रि हथियारों से लेस खनन माफिया ने वन विभाग की टीम पर हमला बोल दिया। आरोपियों ने गोलियां चलाईं और उनके गोली चालन से एक वन रक्षक संजू कुमार वैश्य पुत्र स्व. हरनारायण वैश्य उम्र 35 वर्ष निवासी सिद्धेश्वर कॉलोनी गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद आरोपीगण अवैध उत्खनन के आरोप में पकड़े गए दोनों ट्रेक्टरों को लेकर भाग निकले। बताया जाता है कि जप्त किए गए ट्रेक्टर एक भाजपा नेता के हैं और घायल वन रक्षक संजू कुमार वैश्य ने भी इसकी पुष्टि की है और उसने पुलिस को दिए बयान में बताया कि आरोपीगण उक्त भाजपा नेता की धौस बताकर ट्रेक्टर छोडऩे के लिए दबाव बना रहे थे।

सूचना मिलते ही कार्यवाही को दिया अंजाम

इस पूरे घटनाक्रम में घायल वनरक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि बीती रात्रि 10 बजे हमारे वरिष्ठ अधिकारियों को पिपरई कॉलोनी वन क्षेत्र में खण्डों के अवैध उत्खनन की सूचना मिली। सूचना पाते ही कार्रवाई हेतु टीम का गठन किया गया। जिसमें वनपाल दिनेश गोयल, प्रमोद धवेले, जगदीश बिंजवार, वनरक्षक कैलाशचंद सोलंकी और फरीद खां सहित वह स्वयं टीम में शामिल थे। रात्रि करीब 10:30 बजे जब वह बताए गए स्थान पर पहुंचे तो वहां से खण्डों से भरे हुए दो ट्रेक्टर गुजर रहे थे। जिन्हें रोककर पूछताछ की गई तो ड्रायवर ट्रेक्टर छोड़कर भाग गए और उनके भागने के कुछ समय बाद ही तीन युवक द्वारिका रावत, गिर्राज रावत और कल्ली रावत एक मोटरसाइकिल पर सवार होकर आ गए और फॉरेस्ट टीम पर ट्रेक्टर छोडऩे के लिए दबाव बनाया और कहने लगे कि उक्त ट्रेक्टर भाजपा नेता के हैं जो उन्हें छोडऩे पड़ेंगे। लेकिन  जब टीम ने ट्रेक्टर छोडऩे से इंकार कर दिया तो आरोपी बौखला गए और अचानक अपने पास रखे हथियार निकाल लिए। यह देख टीम ने उनके हथियार छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन तीनों आरोपी उन पर भारी पड़ गए और आरोपियों ने फायर करना शुरू कर दिए। जिससे निकले छर्रे संजू के हाथ में लग गए और वह घायल हो गया। 

वन कर्मचारी संघ ने की निंदा हमलावरों के विरूद्ध शीघ्र कार्यवाही की मांग

बीती रात्रि तेंदुआ थाना क्षेत्र में घटित हुई घटना को लेकर मप्र वन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष दुर्गा ग्वाल व मप्र कर्मचारी कांग्रेस के अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश शर्मा चंदू बाबू ने घटना की कड़े शब्दो में निंदा की है और इसके लिए वन विभाग के वरष्ठि अधिकारियों पर हमला बोला और कहा कि यदि वनकर्मियों पर यूं ही हमले होते रहे तो वह अपना कार्य करने में असमर्थ नजर आऐंगें, सुविधाओं और सुरक्षा के मानदण्डों से परे वनकर्मी अपनी जान पर हथेली लेकर कार्य करता है और ऐसे में जब अवैध उत्खननकर्ता इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते है तो निश्चित रूप से वनकर्मियों के परिवार पर बन आती है इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को शीघ्र कार्यवाही कर आरोपियों के विरूद्ध शीघ्र कार्यवाही और घायल वनकर्मचारी को सुरक्षा व आर्थिक सहायता मुहैया कराया जाए। यहां बताना होगा कि अभी दो दिन पूर्व ही सुरवाया क्षेत्र में वन विभाग की टीम पर हमला बोला गया था जब वह अतिक्रमण व अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही करने पहुंची थी। चंद दिनों में ही वनटीम पर हुआ यह दूसरा हमला और इससे पूर्व भी कई हमले हो चुके है।


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