शिवपुरी। न्याय पालिका में सांसद प्रतिनिधि अनिल शर्मा अन्नी पर लगाई गई रासुका को जबलपुर न्यायालय से हटा दिया गया है। रासुका में बरी होने के बाद सांसद प्रतिनिधि अनिल शर्मा अन्नी ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया कि मौजूदा दौर में न्याय सिर्फ न्याय पालिका में ही जीवित है।
उन्होंने प्रशासनिक कार्रवाई को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप उछाला कि उन पर रासुका की कार्रवाई जिला प्रशासन ने सत्ताधारियों के दबाव में आकर की थी। द्वेषपूर्ण कार्रवाई का सच यह था कि उन्हें उत्सव उपद्रव काण्ड की एफआईआर में विवेचना अंतर्गत हजारों अज्ञातों में से सिर्फ उन्हें ज्ञात किया गया था। उन्हें ज्ञात करने के स्त्रोत (साक्ष्य) उन्हें आज दिनांक तक नहीं बताये गये हैं।
श्री शर्मा ने अपनी रिहाई के बाद कहा कि जब उन्हें यह सुराग लगा कि उनका नाम उत्सव उपद्रव काण्ड में जोडा जा रहा है तब उन्होंने तत्कालीन एसपी रमन सिंह सिकरवार से संपर्क साधा तब उन्होंने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा था कि वह निर्दोषों पर कोई कार्रवाई नहीं होने देंगे और उन्होंने उनका आवेदन भी स्वीकार्य कर लिया था। इस आवेदन पर कोई कार्रवाई उसके पश्चात कतई नहीं की गई और चुनाव के समय उन पर दबाव बनाकर उन्हें न सिर्फ झूठे केस में गिर तार किया गया बल्कि उन पर रासुका की कार्रवाई भी तथ्यों को तोड मरोडकर कर दी गई।