शिवपुरी। तीसरी बार सत्ता में आई भाजपा सरकार ने निगम मंडल और प्राधिकरण अध्यक्षों से इस्तीफा लेने के बाद जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्षों से भी इस्तीफे मांगे हैं। इस हाड़ कपा देने वाली देने शीत लहर में भाजपा की राजनीति में गर्मी आ गई है ओर जोड-तोड की लहर शुरू हो गई है।
सूत्र बताते हैं कि शिवपुरी के जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष भैयासाहब लोधी और संचालक मंडल के 11 सदस्यों से भी इस्तीफे मांगे गए हैं। इस्तीफे मांगे जाने के पीछे कारण बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की परफार्मेंस देखने के बाद नए सिरे से बैंक अध्यक्ष बनाए जाएंगे।
इस्तीफे मांगे जाने के बाद पूरे प्रदेश में सहकारिता से जुड़े नेताओं में घबराहट है। मप्र में 38 जिला सहकारी बैंक हैं, जिनमें से शिवपुरी, भिंड, सीहोर, खरगोन, झाबुआ, सतना और पन्ना में बोर्ड का कार्यकाल बाकी रह गया है, जबकि शेष जिलों में अक्टूबर में ही कार्यकाल पूरा हो चुका है। गुना, सागर, शहडोल और जबलपुऱ में बोर्ड पहले से ही भंग है। शिवपुरी जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष का कार्यकाल अभी तीन साल का बाकी है। समय से पहले ही इस्तीफा लिए जाने से स्थानीय राजनीति भी गर्मा गई है।
जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद को लेेकर भाजपा के अंदर ही राजनीति गर्मा गई है। कोलारस से विधानसभा चुनाव हारे देवेंद्र जैन बैंक अध्यक्ष पद के लिए सक्रिय देखे जा रहे हैं। पूर्व में जब चुनाव हुए थे, तब भी देवेंद्र जैन के पास अधिक सं या में संचालक थे। तब संगठन के दबाव में देवेंद्र जैन ने भैया साहब लोधी को अध्यक्ष बनवाया था।