केबीनेट के लिए बधाई, लेकिन शिवपुरी की समस्याएं भी कर रहीं हैं स्वागत आपका

शिवपुरी। यह तो संभावना जताई ही जा रही थी कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रीमण्डल में यशोधरा राजे सिंधिया को पुन: मंत्री बनाया जाएगा, जिसका असर आज दोप. उस समय देखने को मिला जब शिवराज मंत्रीमण्डल में यशोधरा राजे सिंधिया ने भी तकनीकि शिक्षा, खेल एवं युवक कल्याण विभाग की शपथ ली।
ऐसे में अब यशोधरा के समक्ष ना केवल समस्याओं से दो चार होना है बल्कि कई समस्याऐं आज शिवपुरी के लिए प्रमुखता में शामिल है वह मुंह उठाए खड़ी है ऐसे में इन समस्याओं के निराकरण के लिए यशोधरा को अग्नि परीक्षा देनी होगी और सफल होकर अपने वर्चस्व से सभी को अवगत कराना होगा। अब यह जनचर्चा का विषय भी बन गया है।  

शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया के चुनाव जीतने के बाद अब शहर के विकास के लिए उन्हें कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और व्याप्त विकट समस्याओं के बीच उन्हें अग्रि परीक्षा देकर क्षेत्र की जनता का विश्वास जीतना होगा। शहर में पानी, गंदगी, सड़क, बिजली, रोजगार और सुअरों जैसी गंभीर समस्याएं व्याप्त हैं, लेकिन सवाल यह है कि वह इन चुनौतीपूर्ण समस्याओं से किस तरह निपटेंगी? क्योंकि शिवपुरी का पूरा प्रशासनिक तंत्र ध्वस्त है, लेकिन शिवपुरी विधायक में इन समस्याओं से निपटने की पूर्ण क्षमता है और हर मौके पर उन्होंने अपनी क्षमताओं को जनता के सामने पेश किया है। भले ही उन्हें इन समस्याओं से निपटने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी हो, लेकिन वह हर समय जनता की उम्मीदों पर खरी उतरती हैं और इस बार भी चुनौतियां सामने होने के कारण वह अपनी अग्रि परीक्षा में सफल होकर जनता की समस्याओं को खत्म करेंगी। 

प्यासे कंठों को पानी पिलाना सबसे बड़ी चुनौती

मप्र में भाजपा की सरकार के साथ-साथ शिवपुरी के पूर्व विधायक माखनलाल राठौर और नपाध्यक्ष रिशिका अनुराग अष्ठाना भाजपा के होने के बावजूद भी शहर की जल समस्या को दूर नहीं कर सके और जैसे-तैसे शहर को इस समस्या से निपटाने के लिए जलावर्धन योजना का शुभारंभ किया गया तो काम में देरी की वजह से यह महत्वाकांक्षी योजना अधर में लटकी रही। जब जनप्रतिनिधि जागे तो नेशनल पार्क प्रबंधन ने खुदाई पर रोक लगा दी और यह योजना एक बार फिर अधर में लटक गई और शहर में पेयजल समस्या जस की तस रही, लेकिन अब एक बार फिर भाजपा ने प्रदेश में अपना परचम लहराया है और शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे भी भाजपा पार्टी के साथ-साथ शहर की जनता की चहेती भी हैं तो ऐसी स्थिति में लोगों की उम्मीदें यशोधरों से हैं। अब देखना यह है कि इस चुनौती को यशोधरा राजे कैसे निपटाती हैं।

गंदगी के ढेर पर है शहर

समस्याएं तो शिवपुरी में इतनी हैं कि इन्हें हल करना नामुमकिन हैं, लेकिन गंदगी जैसी समस्या शहर की खूबसूरती को ग्रहण लगा रही है और शिवपुरी नगरपालिका इन समस्याओं से अनजान बनी हुई है। गंदगी शहर की दूसरी बड़ी समस्याओं में आती है। सड़कों से लेकर मोहल्लों, बाजारों में व्याप्त गंदगी से आमजन  परेशानी उठा रहे हैं। वहीं शहर की नालियां और नाले गंदगी के कारण जाम रहते हैं और बरसातों में जब यह उफनते हैं तो शहर में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में अब जनता की निगाहें यशोधरा राजे पर टिकीं हैैं और आस बंधी है कि उन्हें शीघ्र ही इस समस्या से उनकी विधायक निजात दिलाएंगी, लेकिन यशोधरा के आगे यह समस्या भी चुनौती से कम नहीं है। 

गढ्ढों में से सड़कें निकालनी होंगी राजे को

नेशनल हाईवे से लेकर शहर और गलियों की सड़कें भी एक गंभीर समस्या है और शहर की सड़कों की समस्या खत्म करने के लिए शिवपुरी नगरपालिका अध्यक्ष रिशिका अनुराग अष्ठाना ने खत्म करने के लिए बीड़ा उठाया, लेकिन उनकी यह योजना पूर्ण नहीं हो सकी और शहर में डाली गईं सीसी सड़कों के नाम पर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की शिकायतें हुईं और जिन स्थानों पर सड़कें डाली गईं। वह सड़कें मात्र कुछ ही समय में उखड़ गईं और लोगों का नपाध्यक्ष से विश्वास उठ गया, लेकिन अब लोगों ने विकास की मसीहा के रूप में यशोधरा को स्वीकार किया है तो लोगों को उनसे उम्मीदें हैं कि वह शीघ्र ही शहर की सड़कों की समस्याओं को खत्म करने का बीड़ा उठाएंगी। 

बड़ा मुद्दा है शिवपुरी में बेरोजगारी का

शिवपुरी शहर में एक बड़ा वर्ग बेरोजगारी की मार झेल रहा है। जहां पर्यटन के नाम पर उद्योगों की स्थापना नहीं की गई है। वहीं शहर में संचालित खदानें भी बंद कर दी गई हैं। ऐसी स्थिति में लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। अब यशोधरा के आगे बेरोजगार लोगों के लिए रोजगार दिलाने जैसी समस्याओं से भी सामना करना होगा। वहीं एक बड़े युवा बेरोजगार वर्ग को यशोधरा से उम्मीद है कि वह शीघ्र ही रोजगार के आयाम शहर में स्थापित करेंगी। 

सूअर और आवरा जानवरों से भी है निबटना

नगर में आवारा पशुओं का आतंक भी अपनी चरम सीमा पर है और आए दिन इस समस्या से लोग जूझ रहे हैं और कई लोग आवारा पशुओं के आतंक का शिकार होकर कालकबलित हो चुके हैं, लेकिन इस समस्या पर किसी भी जनप्रतिनिधि ने  अपना विरोध दर्ज नहीं कराया है। जिस कारण शहर की स्थिति इतनी बद्दतर हो गई है कि खुलेआम आवारा पशु सड़कों पर विचरण करते हैं। जिनसे निपटना चुनौती है। शहर में सुअर हटाने के लिए विधायक यशोधरा राजे ने पहल तो की, लेकिन उनकी इस पहल को नगरपालिका प्रशासन कारगर साबित नहीं होने दे रहा है। ऐसी स्थिति में सबसे पहले यशोधरा को अपनों से ही निपटना एक बड़ चुनौती बन गई है तब कहीं जाकर वह आवारा पशुओं से उपजी समस्या को खत्म कर सकेंगी।