हत्या प्रयास के मामले में आरोपी को तीन वर्ष का सश्रम कारावास

शिवपुरी। सत्र न्यायाधीश एएस तोमर ने हत्या प्रयास के एक मामले में आरोपी सुमरन आदिवासी को दोषी माना है तथा उसे भादवि की धारा 307 के तहत तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा दो हजार रूपए के अर्थ दण्ड से दण्डित किया है। अर्थ दण्ड अदा न करने पर आरोपी को दो माह और जेल में बिताना होंगे।

अभियोजन की कहानी के अनुसार छर्च थाना क्षेत्र के ग्राम देहदे में 26 जून 2012 को रात 9 बजे आरोपी सुमरन आदिवासी की पत्नि रामश्री का फरियादी गोकुल आदिवासी की माँ से विवाद हुआ। विवाद शादी में गहने पहनने को लेकर था। रामश्री ने गोकुल की माँँ से कहा कि मैैं शादी में गहने पहनकर जाती हूं तो मुझ से लोग जलते हैं, इस पर गोकुल की माँ ने कहा कि मैैं तो नहीं जलती और बीच में हस्तक्षेप 15 वर्षीय गोकुल ने भी किया। 

इसी बात पर उग्र होकर रामश्री का पति सुमरन आदिवासी कुल्हाड़ी लेकर आया और उसने गोकुल पर जानसे मारने की नियत से हमला बोल दिया। यह घटना पप्पू, चिरोंजी और गोकुल की माँ ने देखी, हमले में गोकुल गंभीर रूप से घायल हुआ तथा पुलिस ने इस मामले में आरोपी सुमरन आदिवासी के विरूद्ध भादवि की धारा 307 के तहत हत्या प्रयास का मामला दर्ज कर चालान न्यायालय में पेश किया। पक्ष विपक्ष की वहस सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी को दोषी सिद्ध कर उसे सजा से दण्डित किया है।

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