सावधान! कहीं फिर से बारूद के ढेर पर तो नहीं बैठ रहा शहर

शिवपुरी-यूं तो शहर में दीवाली की आतिशबाजी को लेकर पूर्व से तैयारियां होना शुरू हो जाती है और कई बार देखने में भी आया है कि  यही आतिशबाजी ना केवल उन संग्रहकर्ताओं के लिए बल्कि आसपास के अन्य क्षेत्र व शहरवासियों के लिए मौत के मुहाने जैसा प्रतीत होता है कहीं एक बार फिर से इस तरह का माहौल तैयार तो नहीं हो रहा।
इसके लिए पुलिस को अभियान चलाना चाहिए, हालांकि कुछ दिनों पूर्व की गई कार्यवाही में कमलागंज निवासी एक युवक के घर से बरामद आतिशबाजी ने इस बात की संभावना बढ़ा दी है कि कहीं  फिर से बारूद के ढेर पर तो नहीं बैठ रहा है शहर। इस मामले में पुलिस को धरपकड़ व चैकिंग अभियान चलाना चाहिए।

विगत वर्षों में हुए हादसों से भी नहीं ली प्रशासन ने सीख, शहर सहित ग्रामीण इलाकों में खुलेआम हो रहा आतिशबाजी का अवैध निर्माण शिवपुरी। दीपावली त्योहार के आते ही शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध रूप से आतिशबाजी बनाने का कारोबार शुरु हो गया है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन आंखें मूंदे हुए हैं। विगत वर्षों में घटित हुए हादसों के बाद भी प्रशासन ने  सीख नहीं ली है। जिस कारण यह अवैध आतिशबाजी के कारोबारी शहर के बीचोंबीच आतिशबाजी निर्माण में लगे हुए हैं। साथ ही बगैर लायसेंस के आतिशबाजी का भण्डारण किए हुए हैं।

शहर के पुरानी शिवपुरी, सिद्घेश्वर, कमलागंज, सईसपुरा, बड़ोदी सहित अन्य क्षेत्रों में पटाखे बनाने का यह अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई जगह अवैध पटाखे  बनाए जाने की फेक्ट्रियां संचालित हैं। जहां मासूम बच्चों से लेकर बूढ़े तक पटाखे निर्माण में लगे हुए हैं। और इन फेक्ट्री संचालकों के पास आतिशबाजी निर्माण का लायसेंस नहीं होने के बावजूद भी यह अवैध रूप से आतिशबाजी का निर्माण कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन मौन बना हुआ है। प्रशासन की अनदेखी के कारण दर्दनाक हादसे भी घटित हो चुके हैं। इसके साथ ही शहर के रिहाईसी इलाकों में भी अवैध रूप से व्यापारियों ने आतिशबाजी का भण्डारण कर रखा है।

पूर्व में भी कई लोग हो चुके हैं  हादसे के शिकार

आतिशबाजी के इस अवैध कारोबार में संलिप्त लोग इन विस्फोटक पदार्थों के अवैध भण्डारण एवं निर्माण के समय हुए हादसे का शिकार हो चुके हैं और कई लोगों ने अपनी जान भी गवा दी है। बीते वर्ष गोबर्धन थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम गाजीगढ़ में एक पूरा परिवार दुर्घटना का शिकार हो गया था। बताया जाता है कि जिस झोंपड़ी में अवैध रूप से पटाखा बनाने का कार्य किया जा रहा था वहां असावधानी की वजह से विस्फोट हो गया जिसमें दो मासूम सहित पति-पत्नी गंभीर रूप से झुलस गए थे। वहीं कुछ वर्ष पूर्व राजपुरा रोड पर एक वृद्ध महिला आतिशबाजी निर्माण के समय हुए विस्फोट से झुलसकर घायल हो चुकी हैं। पूर्व में सिरसौद गांव में पाटौर में संचालित अवैध आतिशबाजी फैक्ट्री के चलते अचानक हुए विस्फोट से वहां कार्यरत एक मासूम की मौत हो गई थी और तकरीबन 7 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिन्हें जिला चिकित्सालय में कई दिनों के उपचार के बाद चिकित्सकों द्वारा ब-मुश्किल बचाया गया था। हादसे में घायल हुए लोग आज भी उस भयानक मंजर को याद कर खौफ में आ जाते हैं। इन घटनाओं से भी प्रशासन ने सीख नहीं ली।

मजदूरी के लालच में फंसता है परिवार

आतिशबाजी निर्माण कार्य में मुख्य रूप से पुरुष कारीगर कम मिलते हैं, कारण उन्हें उतना मुनाफा प्रतिदिन नहीं होता जितना अन्य जगह काम करके मिल सकता है। ऐसे में आतिशबाजी निर्माता पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को इस कारोबार में जोड़ते हैं। यही नहीं बच्चों से भी आतिशबाजी का निर्माण कराया जाता है। ऐसे में एक ही परिवार के सभी सदस्यों को एक जगह रोजगार मिल जाने से मजदूरी के लालच में पूरा परिवार पटाखा निर्माण कार्य में जुट जाता है और फिर यह कभी-कभी हादसे का शिकार भी हो जाता है।

शहर के बड़े-बड़े व्यापारी जुड़े हैं इस अवैध कारोबार से

आतिशबाजी निर्माण और अवैध भण्डारण के इस कारोबार से शहर के बड़े-बड़े व्यापारी जुड़े हुए हैं और रूपये कमाने के फेर में ये व्यापारी छोटे-छोटे परिवारों को अवैध आतिशबाजी निर्माण के धंधे में अपने फायदे के चलते लालच देकर दन परिवारों को उतार देते हैं और ये लोग आगे चलकर हादसों का शिकार हो जाते हैं और प्रशासन इन परिवारों के खिलाफ कार्रवाई कर मामले को रफा-दफा कर देता है और इन हादसों के बीच जिन व्यापारियों की संलिप्तता होती है वह बच जाते हैं और अपने कारोबार को सुचारू ढंग से संचालित रखते हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी
यदि लायसेंस धारक नियमों की अव्हेलना करते हैं तो उनके विरुद्घ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वैसे संबंधित क्षेत्रों में एसडीएम द्वारा लायसेंस दिए जाते हैं और यदि अवैध रूप से पटाखा निर्माण की हमें कहीं से सूचना मिलती है तो हम उस पर त्वरित कार्रवाई करेंगे।
दिनेश कुमार जैन
अपर कलेक्टर, शिवपुरी