नहीं बिकेगी रास्ते,पर्क व खेल मैदान और सार्वजनिक प्रयोजन की जमीनें

शिवपुरी-आवासीय कॉलोनियों में पार्क, खेल मैदान, रास्ते, सामुदायिक भवन, क्लब हाउस इत्यादि की जमीन की बिक्री रोकने के मकसद से संभाग आयुक्त के के खरे ने एक अहम स्थायी आदेश पारित किया है।
उन्होंने संभाग के सभी जिला कलेक्टर को उक्त आदेश भेजकर निर्देश दिये हैं कि सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू अभिलेख, सहायक अधीक्षक भू अभिलेख, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों को इस आदेश की प्रतियाँ तामील करायें। साथ ही इसका पालन भी सुनिश्चित करायें।

संभाग आयुक्त के के खरे ने स्थायी आदेश में उल्लेख किया है कि अक्सर देखने में आता है कि मूल भूमि स्वामी द्वारा अपनी जमीन के कुछ हिस्से की बिक्री करते समय रास्ते का पृथक से उल्लेख किया जाता है परन्तु नामांतरण के समय केवल विक्रत रकवा ही खातेदार के नाम चढ़ता है। अर्थात रास्ते की जमीन मूल भूमि स्वामी के नाम बनी रहती है। इसी प्रकार आवासीय कॉलोनी में प्लॉट काटकर बेच दिए जाते हैं। कॉलोनाइजर द्वारा प्लॉट बेचते समय पार्क, खेल मैदान, क युनिटी हॉल, क्लब हाउस इत्यादि सार्वजनिक उपयोग के लिये कॉलोनी में जमीन बताई जाती है। कॉलोनियों में भी प्लॉट का नामांतरण तो संबंधित खरीददार के नाम हो जाता है परन्तु उक्त सार्वजनिक प्रयोजन की जमीन कॉलोनाइजर के नाम ही बनी रहती है। बाद में मूल भूमि स्वामी द्वारा रास्ते और अन्य तरह के सार्वजनिक उपयोग की जमीन बेच दी जाती है। इससे कॉलोनीवासियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।

यह सब रोकने के लिये संभाग आयुक्त ने स्थायी आदेश के जरिये नई व्यवस्था दी है। जिसके तहत अब बिक्री पत्र में बेची जा रही भूमि के रकबे के साथ-साथ आवागमन के लिये छोड़े गए रास्ते का रकबा भी विक्रय पत्र के साथ संलग्न नक्शे में प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। इसी तरह पार्क, खेल मैदान, सामुदायिक भवन, क्लब हाउस इत्यादि सामुदायिक स पश्रियों के लिये भी यही व्यवस्था रहेगी। खसरे में साफ तौर पर अंकित करना होगा कि अमुक भूमि रास्ता व अन्य सार्वजनिक प्रयोजन के लिये है। इसके लिये पृथक से बटा न बर कायम किया जायेगा तथा नक्शा तरमीन भी होगा। जाहिर है इस व्यवस्था से कॉलोनीवासियों को होने वाली रास्ते व खेल मैदान इत्यादि संबंधी कठिनाईयाँ दूर होंगी। संभाग आयुक्त ने स्थाई आदेश में यह भी साफ किया है कि यदि प्लॉट की बार-बार बिक्री होती है तब भी रास्ते व सार्वजनिक उपयोग के लिये छोड़े गए रकबे को कम किया जाता रहेगा। अर्थात जो भी व्यक्ति प्लॉट या भू-खण्ड खरीद रहा है उसको मूल भूमि स्वामी से उल्लेखित रास्ता व सार्वजनिक उपयोग की अन्य प्रकार की जमीन बरतने के लिये मिलेगी।