करैरा में पुलिस ने आईपीएल सट्टा के नाम पर खुद की भद्द पिटवाई

शिवपुरी। एक ओर आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग को लेकर जहां यह पूरा प्रीमियर लीग चर्चा में रहा तो वहीं अब इसके खत्म होने के बाद भी इसके दागों से बेदाग साबित करने के लिए पुलिस ने नौटंकी रची और एक बिचौलिए के माध्यम से मिलकर पूरी योजना बनाकर 7 लोगों को आईपीएल में सट्टा खिलाने के नाम पर पकड़ा गया और इनसे 3 लाख रूपये की अवैध वसूली भी की।

जबकि वर्तमान समय में अब तो आईपीएल भी खत्म हो चुका है लेकिन पुलिस इन सटोरियों को पकडऩे वाले पुलिसकर्मियों का कहना है कि यह लोग आईपीएल पर सट्टा लगा रहे थे जिन्हें हमने सूचना के तहत पकड़ा लेकिन इस मामले की असल सच्चाई तो तब सामने आई जब इन पुलिसकर्मियों ने 7 लोगों में शामिल नपं अध्यक्ष कोमल साहू के भतीजे को भी लपेटे में ले लिया जबकि उसने आईपीएल में सट्टा लगाया ही नहीं। इस एवज में नपं अध्यक्ष से अच्छी खासी मोटी रकम के लालम में इन पुलिसकर्मियों ने कोमल साहू को इस केस से बचाने के बदले 25 हजार रूपये की मांग तक कर डाली।

यह आरोप स्वयं नपं अध्यक्ष व उसके भतीजे ने पुलिस पर लगाए। फिलहाल मामला बिगड़ जाने के कारण अब गेंद पुलिस अधीक्षक के पाले में चली गई और उन्होंने इस पूरे मामले की जांच कराने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आलोक सिंह को जांच अधिकारी बनाकर चार दिन में रिपोर्ट मांगी है। एसपी साहब काकहना है कि यदि पुलिसकर्मी गलत साबित हुए तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। वहीं बताया गया है कि जब यह मामला एसपी के पास पहुंचा तो पुलिसकर्मियों ने उन सभी सटोरियों के मोबाईल वापिस कर दिए और नपं अध्यक्ष के भतीजे से राजीनामे का दबाब बना रहे है।

जानकारी के अनुसार बीती रात करैरा में एक पुलिस एएसआई और दीवान ने अपने बिचौलिए एक फर्जी पत्रकार के माध्यम से आईपीएल का सट्टा खेलने वाले लोगों की सूची बनाई। बताया जाता है कि सूची में दर्ज लोगों की तलाश शुरू की गई और एक-एक कर सात लोगों को पकड़कर थाने लाया गया। उनसे उनके मोबइल छिना लिए गए। इसके बाद सूत्र बताते हैं कि सौदेबाजी का सिलसिला शुरू हुआ। जो देर रात तक जारी रहा। इस तरह से तीन लाख रूपये से अधिक की रकम की बसूली की गई।

बसूली उनसे भी की गई थी जो पुलिस गिरफ्त में नहीं आए थे। यह मामला तूल नहीं पकड़ता यदि पकड़े गए लोगों में नपं के एक पूर्व अध्यक्ष का भतीजा नहीं होता। कुछ पत्रकारों के संज्ञान में यह मामला आया तो उन्होंने आज एसपी को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और एसपी ने तुरंत थाने से पूरे मामले की जानकारी और कथित पुलिसकर्मियों को हिदायत दी कि वे अपनी बेगुनाई का सबूत पेश करें। इसके बाद तुरंत ही मोबाइल वापिस कर दिए गए और पुलिसकर्मी नपं के पूर्व अध्यक्ष कोमल साहू के यहां पहुंचे और उनसे कहा कि वे लिखकर दें कि उनके भतीजे को न तो पकड़ा गया है और न ही उससे बसूली की गई है। परंतु श्री साहू ने इंकार कर दिया।

नपं अध्यक्ष पति के भतीजे से मामला रफा दफा करने मांगे 25 हजार

नपं करैरा के पूर्व अध्यक्ष कोमल साहू का आरोप है कि उनके भतीजे को छोडऩे के लिए एक एएसआई ने 25 हजार रूपये की मांग की थी, लेकिन जब उन्होंने यह कहते हुए पैसे नहीं दिए कि उनका भतीजा पहले तो आईपीएल सट्टा खेलता नहीं हैं और फिर अब तो आईपीएल समाप्त हो गया तो फिर पकड़े जाने का क्या अर्थ है? इस पर पुलिस ने उनके भतीजे की जमकर पिटाई लगाई। सूत्र  बताते हैं कि बाद में भाजपा के  एक वरिष्ठ नेता के हस्तक्षेप के बाद साहू के भतीजे को छोड़ा गया।

पुलिस पर लगे आरोप सच हुए तो एसपी करेंगें सख्त कार्यवाही

एसपी महेन्द्र सिंह सिकरवार ने बताया कि करैरा के एक पत्रकार ने यह मामला उनके संज्ञान में लाया गया है। इसके बारे में उन्होंने जब एसडीओपी सोलंकी से बातचीत की तो उनका कहना था कि आईपीएल बंद हो चुका है। लेकिन एसपी सिकरवार ने कहा कि उन्होंने मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आलोक सिंह को अधिकृत किया है। वह चार दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट देंगे और यदि पुलिसकर्मियों पर अवैध रूप से पकड़े जाने और रिश्वत देने का आरोप प्रमाणित हुआ तो वे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।