अद्भुत बाबा की अद्भुत चेतावनी, कहा समयावधि में कार्य पूरा ना होने पर करेंगें आमरण अनशन

शिवपुरी। शिवपुरी जिले की अति महत्वपूर्ण महवाकांक्षी जलावर्धन योजना के अधूरे निर्माण कार्य को लेकर नगर पालिका के पूर्व सीएमओ रामनिवास शर्मा जिन्हें अद्भुत बाबा के नाम से प्रिंट मीडिया ने खिताब दे रखा है वह अब राजनीति की ओर अपने कदमों को बढ़ा रहे है और इसकी शुरूआत उत्सव हत्याकाण्ड में माधौ महाराज की प्रतिमा टूटने के बाद से हुई जहां सबसे पहले माधौ महाराज की प्रतिमा टूटने का गहरा आघात अद्भुत बाबा उर्फ  रामनिवास शर्मा को पहुंचा जिन्होंने तुरंत अपनी ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दोषियों को फांसी की सजा मांग कर डाली और अब यह अद्भुत बाबा श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया की नांव पर सवार होकर जलावर्धन योजना के सुस्त कार्य प्रणाली को लेकर खफा हो गए और कह दिया है कि यदि निश्चित समयावधि के भीतर यदि शिवपुरीवासियों को जलावर्धन योजना का कार्य पूर्ण कर पीने का पानी उपलब्ध ना कराया तो वह आमरण अनशन पर बैठेंंगे और यदि आमरण अनशन के दौरान उन्हें मौत भी मिली तो वह उसे भी अंगीकार करने से परहेज नहीं करेंगें। यह बात एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उन्होनें कही।

वैसे तो पेयजल समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों से निराश जनता का धैर्य अब जबाव देने लगा है। बढ़ती गर्मी के साथ निरंतर विकराल होती जा रही पेयजल समस्या से निपटने के लिए जनता अब स्वयं ही आंदोलन करने के मूड में आ गई है। नगरपालिका के पूर्व सीएमओ रामनिवास शर्मा ने चेतावनी दी है कि यदि तय समय सीमा में सिंध पेयजल परियोजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ और घर-घर तक सिंध के पानी की सप्लाई नहीं हुई तो वह आमरण पर बैठकर जनसमस्या के लिए मौत को अंगीकार करने में उन्हें खुशी होगी। श्री शर्मा ने कहा कि नगरपालिका प्रशासन पेयजल संकट के प्रति बेखबर बना हुआ है। जबकि जनता में पानी के लिए हाहाकार मचना शुरू हो गया है। नगरपालिका द्वारा इस संकट से निपटने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी अभी तक शुरू नहीं की गई है।

विदित हो कि नगरपालिका क्षेत्र में जल संकट दिन प्रतिदिन गहराता चला जा रहा है। जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस संकट से अभी तक बेखबर बने हुए हैं और जनता रात-दिन इधर-उधर पानी के लिए भटक रही है। साथ ही आरोप है कि सरकार की महती योजना को भी नगरपालिका के अधिकारियों द्वारा जमकर पलीता लगाया जा रहा है और निर्माण कंपनी सहित नगरपालिका प्रशासन की कछुआ चाल के चलते यह योजना भी अधर में लटकी हुई नजर आ रही है। इसके बावजूद भी शहर में नगरपालिका द्वारा टेंकरों की व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है। जबकि पिछले वर्ष अप्रैल माह में टेंकर सुचारू रूप से प्रारंभ कर दिए गए थे। 

लेकिन इस वर्ष परिषद की बैठक में टेंकर चलाने का 10 अप्रैल तक निर्णय लिया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी टेंकरों का संचालन नगरपालिका नहीं कर पाई और यह प्रस्ताव कागजों तक ही सीमित होकर रह गया। जलावर्धन योजना में हो रही लेटलतीफी के कारण पूर्व सीएमओ रामनिवास शर्मा भी मैदान में आ गए हैं और उन्होंने नपाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उन्होंने नपाध्यक्ष सहित नपा के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि इस महती योजना का क्रियान्वयन तय समय में पूर्ण नहीं किया गया तो वह नगरपालिका के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आमरण अनशन पर बैठने के लिए बाध्य होंगे।

जनता मुखर, लेकिन कांग्रेस मौन

जल संकट को लेकर जनता को कांग्रेस से भी शिकायत है। एक ओर तो शहर के नागरिक अब शीघ्र ही पेयजल समस्या को लेकर आंदोलन करने की तैयारी में लगे हुए हैं। वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस मौन बैठी हुई है और पेयजल संकट को गंभीरता से न लेकर अपना ही नुकसान करने में लगी हुई है। 6 माह बाद चुनाव भी सिर पर आ गए हैं और दोनों पर्टियां निष्क्रिय बनी हुईं हैं। जिसका जबाव जनता इन दोनों पार्टियों को आने वाले समय में देगी।