साहब !पुलिस ने कटवा दी मेरी जमीन से फसल


शिवपुरी/ का.साहब, पुलिस ने दबंगों के साथ मिलकर मेरी जमीन पर खड़ी चने की फसल कटवा दी है और दबंग आरोपी बंदूक की नोंक पर पूरी फसल को मेरी आंखों के सामने ही भरकर ले गए और पुलिस मूक दर्शक बनी रही। पीडि़त पक्ष का आरोप है कि पुलिस ने फसल खेत में खड़े होकर कटवाई और अब उसकी कोई सुनवाई भी नहीं कर रही है।

पुरानी शिवपुरी दुबे पुरा निवासी लोकेन्द्र श्रीवास्तव पुत्र स्व. सीताराम श्रीवास्तव ने एक आवेदन के माध्यम से बताया है कि बैराड़ कस्बे में सर्वे नं. 2945/1, 2946/1 उसके स्वामित्व की भूमि है, जिस पर उसने चने की फसल बोई थी। इसीक्रम में गत 26 मार्च को उसके पास उसके खेत के बटाईदार अनिल बढ़ाई का फोन आया कि  लक्ष्मीनारायण श्रीवास्तव, उसकी पत्नि शारदा व पुत्र राजू, मनोज, दीपक दो अन्य लोगों के साथ खेत पर आकर जबरन फसल काटना चाह रहे हैं।

प्रार्थी का कहना है कि इस पर उसने एक आवेदन 26 मार्च को ही पुलिस अधीक्षक को देकर मामले से अवगत कराया तथा वह एसडीओपी पोहरी के निर्देशानुसार बैराड़ थाना प्रभारी से भी मिला और आरोपियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक व दंडात्मक कार्यवाही करने के लिए निवेदन किया लेकिन लोकेन्द्र के अनुसार वह जब २७ मार्च को अपने पुत्र अमित श्रीवास्तव तथा बटाईदार अनिल बढ़ाई के साथ फसल की स्थिती देखने पहुंचा तो उक्त आरोपीगण बंदूक की नोंक पर फसल को ट्रैक्टरों में भरवा कर ले जा रहे थे।

जब उसने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो वह उसे जान से मारने की धमकी देकर फसल वहां से ले गए। प्रार्थी का आरोप है कि जब आरोपीगण वहां से फसल ले जा रहे थे तो बैराड़ पुलिस वहां मौजूद थी बाबजूद इसके पुलिस ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की और अब भी नहीं कर रही है। लोकेन्द्र के अनुसार उसने पुलिस को आरोपियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण कायम करने हेतु आवेदन दिया था परंतु आज तक पुलिस ने न तो चोरी की रिर्पोट दर्ज की है और न ही चोरी गई फसल की जप्ती।

राजस्व अभिलेखों में उसके नाम दर्ज है जमीन

लोकेन्द्र श्रीवास्तव के अनुसार इस संबंध में 26 मार्च को ही उसके द्वारा एक आवेदन पुलिस अधीक्षक को देकर उन्हें बताया कि उक्त जमीन राजस्व अभिलेखों में उसके नाम दर्ज है तथा इस भूमि संबंध में प्रार्थी व आरोपीगणों के बीच विवाद चल रहा है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है। उसके अनुसार इस मामले में व्यवहार न्यायधीश वर्ग-1 ने प्रार्थी लोकेन्द्र के पक्ष में फैंसला दिया जिस पर दूसरा पक्ष द्वितीय अतिरिक्त न्यायाधीश के न्यायालय में अपील लेकर पहुंचा जहां स्थगन आदेश को दिनांक 28 जनवरी 2013 को निरस्त कर दिया गया तो प्रार्थी लोकेन्द्र श्रीवास्तव ने माननीय उच्च न्यायालय में रिव्यू पिटीशन दायर की जिसमें 7 मार्च को माननीय उच्च न्यायालय ने यथास्थिती रखने का आदेश दिया और वर्तमान में मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

इनका कहना है

पुलिस पर लगाये जा रहे आरोप पूर्णत: मिथ्या हैं। पुलिस ने खड़े होकर किसी की कोई फसल नहीं कटवाई है। रही बात लोकेन्द्र के आवेदन पर सुनवाई की तो हमने उन्हें थाने बुलाया था परंतु वह अभी तक थाने नहीं आए हैं। हम पटवारी व गिरदावल को बुलवा कर मामले की जांच कर रहे हैं।
अरविंद ताम्ब्रेकर
टीआई बैराड़

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