50 हजार रूपये की फिरौती देकर छूटा सलाराम


शिवपुरी। बैराड़ थाना क्षेत्र में बीते दिनों राजस्थान निवासी एक युवक को बंधक बनाकर उसे जंगल में रखा और परिवारजनों से फिरौती लेकर युवक को छोड़ दिया। डकैतों के चंगुल से छूटकर आए युवक ने अपने परिवार सहित थाने पहुंचकर अपने साथ घटी घटना की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तीन डकैतों के खिलाफ धारा 347, 11/13 एमपीडीपीके एक्ट के तहत मामला दर्ज कर सर्चिंग शुरू कर दी है। 


पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम रोड राजस्थान का रहने वाला सलाराम पुत्र हजारीलाल गुर्जर बैराड़ में रहकर अपना रोजगार चलाता है। बीते 21 अक्टूबर को सलाराम ग्राम दोहरदा के जंगल में अपनी भेड़ बकरियां चराने के लिए घर से निकला था। उसके बाद वह लौटकर वापिस नहीं आया। परिवारजनों ने सलाराम की खोजबीन की। लेकिन उसका कोई भी पता नहीं चला। उसके बाद शाम के समय किसी व्यक्ति ने सलाराम के परिवार वालों को सूचना दी और डकैत भैरोसिंह का फरमान उन्हें सुनाया। 

जिसमें सलाराम को छोडऩे के  50 हजार रूपये मांगे गए। घबराए परिवारजनों ने सलाराम की जान बचाने के लिए डकैत गिरोह को 50 हजार रूपये दे दिए और रूपये प्राप्त होने के  बाद 22 अक्टूबर को सलाराम को जंगल में छोड़कर भाग गए। जैसे तैसे वह अपने गांव आया और अपने साथ हुई घटना का ब्यौरा देते हुए सलाराम ने बताया कि राजस्थान का डकैत गिरोह जिसका मुख्य सरदार भैरोसिंह गुर्जर पुत्र रामस्वरूप गुर्जर निवासी थरपुरा धौलपुर है। 

उसके साथ मेहताब गुर्जर निवासी रैया बाड़ी धौलपुर, लल्ला गुर्जर पुत्र हरिया गुर्जर बरपुरा धौलपुर है। जो 24 घंटे लाठी और डण्डों से लेस रहते हैं और राजस्थान श्योपुर और शिवपुरी की सीमा में पकड़ करते हैं। सलाराम ने आगे बताया कि 21 अक्टूबर को वह अपनी भेड़ बकरियां लेकर जंगल में गया था। उसके बाद ये तीन लोग जंगल में घूमते हुए दिखाई दिए तो मैं घबरा गया और मुझे देखकर तीनों डकैतों ने पकड़ लिया और आंखो पर पट्टी बांधकर जंगल के रास्ते ले गए। जहां रात के समय मुझे जंगल में ही रखा। तीनों डकैतों के पास लाठी और डण्डे थे।