राई के भैरों के मेले में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

शिवपुरी/कोलारस। कोलारस क्षेत्र से 10 किमी दूर स्थित ग्राम राई में देवस्थान के रूप में भव्य आकर्षक भैंरो बाबा का मंदिर स्थापित है यहां प्रतिवर्ष मोरछठ एवं संतान सांतें के रूप में दो दिवसीय मेला लगता है। यहां पास में ही शंखचूर्ण पर्वत भी मौजूद है साथ ही भगवान शंकर का रामेश्वरधाम नाम से प्रसिद्ध मंदिर भी बना हुआ है। इन सभी देव स्थान व धार्मिक मंदिरों से राई के भैंरों का नाम प्रसिद्ध हुआ है यहां दूर-दूर से श्रद्धालुओं अपनी मनोकामनाऐं लेकर आते है और भैंरो बाबा पर प्रसाद आदि चढ़ाकर अपनी मन्नतें मांगते है।

श्रद्धालुओं का विश्वास है कि राई के भैंरों के दर्शन करने पर सारे विघ्न, पापों से मुक्ति मिलती है साथ ही भैंरों जी की भभूती भी बड़ी फलदायी होती है यहां आने वाले भक्तगण यदि भैंरों जी की भभूती को सिर माथे लगाते है तो वह ना केवल मानसिक रूप से स्वस्थ रहते है वरन उनकी बुद्धि, कार्यकुशलता भी बढ़ जाती है।

ग्रामीण अंचलों के ग्रामीणों का मानना है कि राई के भैरों में उनकी फसल का दाना चढ़ाने मात्र से ही उनकी फसलें प्रतिवर्ष लहलहा जाती है वहीं विवाहित कन्या, महिला व अन्य पुरूष वर्ग भी इस मेले में बहुताधिक संख्या में पहुंचते है। संतान हीन भी अपनी मनोकामना को लेकर सच्चे हृदय से राई के भैंरों के दर्शन कर अपनी मुराद मांगते है कि वर्ष भर के अंतराल में ही भैंरों जी के आशीर्वाद ऐसे दंपत्तियों के घर में बच्चों की किलकारियां गूंजती है।

इस दो दिवसीय मेले में अंचल भर ही नहीं बल्कि संभाग भर से दूर-दूर से लोग श्रद्धाभाव से आते है और भैंरों जी के दर्शन कर अपनी मुरादों को मांगते है साथ ही जिन श्रद्धालुओं की मुरोंद पूरी होती है वह यहां स्वेच्छा से जो दान-पुण्य करते है। इस मेले में सभी तरह की चौक चौबंद व्यवस्थाओं के लिए पुलिस प्रशासन का भी सहयोग है साथ ही आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद, पानी व अन्य सुविधाऐं भी यहां मुहैया कराई गई। इस मेले में इस बार प्रसाद वितरण का कार्य धर्मप्रेमीजन बनवारी लाल कुशवाह मित्र मण्डल ने संभाला जिन्होंने अपनी टीम के साथ राई के भैंरों आने वाले हर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया।