शिवपुरी। शहर के स्थानीय शनि मंदिरों पर आज शनि भक्तों का सैलाब
उमड़ेगा। इस अवसर पर शहर के नवग्रह मंदिर व स्थानीय बाणगंगा छत्री रोड
स्थित शनि मंदिर पर आकर्षक विद्युत सजावट व शनि भक्तों के लिए अलग से
व्यवस्थाऐं की गई है ताकि वह शनिदेव को मनाने के लिए पूजा-अर्चना करें और
अपने कष्टों से मुक्ति पाऐं।
शनिचरी अमावस्या पर प्रकाश डालते हुए बाणगंगा मंदिर छत्री रोड स्थित शनि मंदिर के पुजारी राजू जोशी का कहना है कि शनिचरी अमावस्या का दिन बड़े सौभाग्य से आता है। प्रति शनिवार और शनिचरी अमावस्या के दिन शनि आराधना करने से दु:ख, कलेश, विकास व अन्य पारिवारिक व मानसिक परेशानियों से निजात पाने का माध्यम है शनिदेव पूजा, ऐसे अवसरों पर शनिदेव की आराधना करने से नहीं चूकना चाहिए।
श्री जोशी के मुताबिक शनिदेव के दर्शन करने वाले दिन तेल, काला कपड़ा, एक छोटी कील, काली दाल अर्पित करें ऐसा करने से सुख-शांति और शनि के प्रकोपों से मुक्ति मिलेगी। यहां बता दें कि बाणगंगा स्थित छत्री रोड पर जो शनि मंदिर बना है वहां इस बार 60 वां कन्याभोज है यहां प्रति शनिवार मंदिर के पुजारी राजू जोशी द्वारा कन्याभोज कराया जाता है।
इसी क्रम में शहर के नवग्रह मंदिर पर भी भक्तों का सैलाब उमड़ते देखा जाएगा। यहां नौ देवताओं के साथ शनिदेव विराजमान है सभी भक्तों से आग्रह है कि वह शनिचरी अमावस्या के दिन शनिदेव के दर्शन करना ना भूलें साथ ही शनिदेव की प्रसाद सामग्री को अर्पित कर उनकी आराधना करें। ऐसा करने से शनि प्रकोप से मुक्ति और सुख-यश-वैभव प्राप्ति होगी। आज इन मंदिरों पर भव्यता के साथ शनिचरी अमावस्या मनाई जाएगी।
शनिचरी अमावस्या पर प्रकाश डालते हुए बाणगंगा मंदिर छत्री रोड स्थित शनि मंदिर के पुजारी राजू जोशी का कहना है कि शनिचरी अमावस्या का दिन बड़े सौभाग्य से आता है। प्रति शनिवार और शनिचरी अमावस्या के दिन शनि आराधना करने से दु:ख, कलेश, विकास व अन्य पारिवारिक व मानसिक परेशानियों से निजात पाने का माध्यम है शनिदेव पूजा, ऐसे अवसरों पर शनिदेव की आराधना करने से नहीं चूकना चाहिए।
श्री जोशी के मुताबिक शनिदेव के दर्शन करने वाले दिन तेल, काला कपड़ा, एक छोटी कील, काली दाल अर्पित करें ऐसा करने से सुख-शांति और शनि के प्रकोपों से मुक्ति मिलेगी। यहां बता दें कि बाणगंगा स्थित छत्री रोड पर जो शनि मंदिर बना है वहां इस बार 60 वां कन्याभोज है यहां प्रति शनिवार मंदिर के पुजारी राजू जोशी द्वारा कन्याभोज कराया जाता है।
इसी क्रम में शहर के नवग्रह मंदिर पर भी भक्तों का सैलाब उमड़ते देखा जाएगा। यहां नौ देवताओं के साथ शनिदेव विराजमान है सभी भक्तों से आग्रह है कि वह शनिचरी अमावस्या के दिन शनिदेव के दर्शन करना ना भूलें साथ ही शनिदेव की प्रसाद सामग्री को अर्पित कर उनकी आराधना करें। ऐसा करने से शनि प्रकोप से मुक्ति और सुख-यश-वैभव प्राप्ति होगी। आज इन मंदिरों पर भव्यता के साथ शनिचरी अमावस्या मनाई जाएगी।
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