इन्द्रदेव के रूठने के कारण अन्नदाता चिंतिति

शिवपुरी. बीते 18 जून की बारिश के बाद अब तक शहर तो क्या पूरे जिले भर में कहीं से कहीं तक बारिश का नामो निशान देखने अथवा सुनने को नहीं मिला है। वहीं सूर्यदेव अपने तीखे तेवरों से लोगों का जीना मुहाल किए हुए है। ऐसे में बारिश ना होने से लोगों के चेहरों पर साफतार सै परेशानी की झलक दिखाई दे रही है। भीषण चुभती गर्मी में लोग जहां पीने के पानी को तरस रहे है तो वहीं नगर के अधिकांशत: बोर भी अपना दम तोड़ चुके है।


नगर के सांख्य सागर झील में भी जल स्तर काफी तेजी से घटा है यहां से महज दो-चार दिन और पानी की सप्लाई हो सकती है क्योंकि उसके बाद बचा शेष पानी माधव नेशनल पार्क में मौजूद जानवरों के लिए रह जाएगा। इस तरह की बढ़ती पेयजल समस्या व धूप की चकाचौंध से नागरिकों के मन में कई तरह के सवाल जन्म ले रहे है और वह पानी की आस में नजरें उठाए आसमान को ताक रहे है कि इन्द्रदेव जागो और शिवपुरी ही नहीं संपूर्ण प्रदेश को पानी दो। यदि यही हाल रहा है तो आने वाल समय और भी भयंकर हालात उत्पन्न करेगा इससे इंकार नहीं किया जा सकता।
अंचल में वैसे तो पिछले दो-तीन वर्षोँ से बारिश की स्थिति सामान्य ही रही है और लोगों को पानी के लिए इतनी हौच-पौच की स्थिति का सामना भी नहीं करना पड़ा।
 
 संपूर्ण जिले भर में चाहे नगर पालिका हो अथवा नगर पंचायत सभी अपने-अपने प्रयासों से लोगों का सुलभ पेयजल उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है लेकिन यह प्रयास आखिर कब तक होंगे। माह जून बीत गया जुलाई शुरू हो गई, देव सो गए तो अब तो लोगों की जुबान पर इन्द्रदेव के जागने की आस लगी है। भगवान इन्द्रदेव की कृपा से बरसने वाले पानी की एक-एक बूंद का सहेजने के लिए लोगों के पास भले ही कोई व्यवस्था ना हो लेकिन भूमि में इस बारिश से जल स्तर में बढ़ोत्तरी संभव है। जिससे दम तोड़ चुके बोरों में भी पानी आ सकेगा और लोगों को काफी हद तक राहत भी मिलेगी। लेकिन प्रतिदिन सुबह से होकर आने वाली दोपहर को तेज धूप यह आभास करा देती है कि अभी बारिश होने में समय है। मौसम विभाग ने भी घोषणा कर दी है कि किसान भाई समय से पहले बोबनी ना करे। 
 
बीती 18 जून को हुई बारिश में कई किसानों ने बुआई कर दी थी लेकिन तब से अब तक पानी नहीं बरसा तो किसानों की यह बुबाई बेकार हो गई। अब मौसम विभाग व कृषि विभाग ने संकेत दिए है कि अंचल में मानसून आने की संभावना जताई जा रही है और दो-तीन दिनों में बारिश होने का अनुमान है। लेकिन जब तक बारिश नहीं होते तब तक जिले भर में हालात बिगड़े हुए है यहां ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में लोगों को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करते हुए देखा जा सकता है। यदि संभवत: कुछ ही दिनों में बारिश नहीं हेाती है तो टोने-टोटकों का सिलसिला शुरू होगा। जिससे रूठे इन्द्रदेव को मनाया जाएगए।

सोमयज्ञ से भी मिला है पानी

कहते है कि ईश्वर को मना लिया तो वह सब कुछ दे देते है। इसी तरह पिछले दो वर्ष पूर्व जब नगर में पानी की भयावह स्थिति थी तो उस समय जिले के पिछोर व शिवपुरी नगर के गांधी पार्क में सोमयज्ञ का आयोजन हुआ। जिसका परिणाम यह हुआ कि मंत्रों की उच्चारण विधि से इन्द्रदेव का सिंहासन भी हिल उठा और उन्होनें सोमयज्ञ के दौरान ही बारिश कर दी। इस यज्ञ को सफल बनाने के लिए विद्ववानों से विभिन्न मंत्र व जाप विधियों का सहारा लिया था और जिसका परिणाम यह हुआ कि सोमयज्ञ से शिवपुरी में बारिश होने के बाद यह विधि  श्योपुर में भी अपनाई गई। इन दिनों भी ऐसे ही हालात शिवपुरी में नजर आ रहे है यदि दो-चार दिनों में बारिश नहीं होती है तो कहीं धर्मप्रेमीजन सोमयज्ञ अथवा कोई अन्य यज्ञ शुरू ना कर दे।