शिवपुरी। अभी तक को किसान कर्ज माफी में प्रमाण पत्र देने के बाद भी कर्ज माफी नहीं होने के कलमनाथ सरकार पर उंगलीयां उठना प्रारंभ हो गई है। परंतु इस योजना के साथ ही आदर्श आचार संहिता के लगते ही युवा बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता ने नाम पर छला जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की कांग्रेस सरकार द्वारा युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने के लिए युवा स्वाभिमान योजना के अंतर्गत वेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए आवेदन तो करा कर उनसे थम्ब एम्प्रेशन मशीन के माध्यम से अंगूठा लगाने के लिए युवा बेरोजगार युवकों के मोबाईलों पर मैसेज अपलोड करने के लिए 9 तारीख को जारी कर दिए और उन्हें 11 मार्च को नगर पालिका के कार्यालय में आने का संदेश भेजे।
लेकिन 11 मार्च को आचार संहिता लगने के कारण उन्हें कार्यालय में एक भी कर्मचारी नहीं मिला। इससे युवा बेरोजगार युवकों के साथ सीधा-सीधा छलावा करने का कार्य किया हैं। युवाओं का कहना था कि ऐसा ही सरकार को करना था तो फिर हमसे आवेदन ही क्यों कराए थे? जब युवाओं ने कार्यालय में हल फुलका धमाल मचाना शुरू किया तो नपा के कुछ कर्मचारियों ने सभी बेरोजगार युवाओं को चैनल के बाहर का रास्ता दिखाकर चैनल में ताला डाल दिया। इससे ज्यादा और बेरोजगारों की क्या बेकदरी और क्या होगी?
मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा प्रारंभ की गई युवा स्वाभिमान योजना की भनक लगते ही युवाओं में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ था। कि चलो शासन ने बेरोजगार युवकों की सुध तो ली। लेकिन थम्ब एम्प्रेशन के लिए नगर पालिका प्रशासन द्वारा रजिस्ट्रेशन कराए हुए बेरोजगार युवकों को 9 मार्च को मोबाईल फोन पर संदेश दिया गया कि 11 मार्च को थम्ब एम्प्रेशन लिए जायेंगे। जबकि प्रशासनिक अधिकारी इस तथ्य से भली भांत अबगत थे कि एक या दो दिन में आदर्श आचार संहिता लागू होना हैं। इसके वाबजूद भी जिले भर के बेरोजगार युवाओं को संदेश भेजकर शिवपुरी बुला लिया गया।
दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों से सैकड़ों रूपए व्यय करके युवा गांधी पार्क स्थित नगर पालिका के कार्यालय पहुंचे। लेकिन यहां पर उनकी सुनने बाला कोई भी कर्मचारी या अधिकारी उपस्थित नहीं मिला। जिसकी बजह से बेरोजगार युवा दिन भर भटकते रहे। लेकिन उनको सही जानकारी देने वाला भी यहां कोई भी व्यक्ति नहीं मिला। जिसकी बजह से बेरोजगार युवकों को बेबजह ही सैकड़ों रूपए की आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ा। साथ ही भविष्य में मिलने वाली बेरोजगारी भत्ते की भी उन्हें उम्मीद दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही।
आचार संहिता लगने के बाद किया जा रहा हैं योजनाओं का प्रचार
कांग्रेस की कमलनाथ सरकार द्वारा चलाई जा रही युवा स्वाभिमान योजना के अंतर्गत 11 मार्च को सुबह 10:30 बजे से सैकड़ों युवाओं को कांग्रेस नीति नगर पालिका में युवाओं का दिन भर मेला लगा रहा और खुलेआम मुख्यमंत्री कमलनाथ की योजना का प्रचार प्रसार वहां युवा एवं कर्मचारी करते रहे। क्या इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं कहा जा सकता हैं। इस बात की जानकारी स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को होने के बाद भी न तो कार्यालय पर किसी भी प्रकार का कोई सूचना लगाई गई। जिससे शिक्षित बेरोजगार युवा उसे पढक़र वापस चले जाते, जिससे दिन भर गैलरी में युवा बेरोजगारों का जमघट लगा रहा।
नहीं उठाया जिलाधीश ने फोन
नगर पालिका कार्यालय में अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा संदेश भेजकर बुलाए बेरोजगार युवाओं की कोई सुनवाई नहीं किए जाने पर कुछ बेरोजगार युवाकों द्वारा उक्त मामले में जिलाधीश से चर्चा करने के लिए मोबाईल फोन लगाए गए लेकिन उनके द्वारा मोबाईल फोन रिसीव नहीं किया गया। जिससे युवाओं में आक्रोश उत्पन्न हो गया तथा युवा बेरोजगारों द्वारा शासन तथा प्रशासन विरोधी नारे भी लगा डाले। क्या आदर्श आचार संहिता में धारा 144 का उल्लंघन नहीं माना जाएगा? इतना ही नहीं उक्त प्रकरण को लेकर जिलाधीश को मैसेज तथा वीडियो, फोटो भी भेजे गए, जिन्हें जिलाधीश द्वारा देखा भी गया लेकिन इसके बाद भी जिलाधीश द्वारा बेरोजगारों की समस्या को सुलझाने का कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया।
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