पूर्व विधायक महेन्द सिंह कर रहे है जातिगत रा​जनीति

शिवपुरी। खबर जिले के कोलारस अनुविभाग से आ रही है। जहां सरकार के बदलते ही हार का सामना करने बाले पूर्व विधायक महेन्द्र सिंह यादव अब अपने तेबर दिखाने लगे है। कयास लगाए जा रहे है कि पूर्व विधायक हार का ठींकरा फोडने के लिए जाति विशेष के लोगों को अपने क्षेत्र से ट्रांसफर कराना चाह रहे है। जिसके चलते पूर्व विधायक ने अपने लेटर पैड पर विधिवत उक्त कर्मचारीयों के ट्रांसफर की मांग की है। इस पत्र में सबसे अहम बात यह है कि इसमें सबसे ज्यादा कर्मचारी एक जाति विशेष के है।

जानकारी के अनुसार बीते कुछ दिनों पूर्व कोलारस विधानसभा से पूर्व विधायक रहे महेन्द्र सिंह यादव ने अपने लेटर पेड पर प्रभारी मंत्री प्रधुम्मन सिंह तोमर जी को पत्र लिखते हुए कोलारस और बदरवास विकासखण्ड के रोजगार सहायकों को हटाए जाने की मांग की। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि कोलारस एवं बदरवास विकासखण्ड के निम्नलिखित रोजगार सहायकों को अविलंभ संबधित पंचायतों से स्थानांतरण करने की क्रपा करें।

इसमें सबसे अहम बात यह है कि इस सूची में 11 नामों में से 6 नाम एक ही जाति विशेष के है। जिससे माना जा रहा है कि यह चुनाव में मिली हार की टीस के चलते पूर्व विधायक ने उक्त कदम उठाया है। इस सूची में जो नाम है वह चौकानें बाले है। इस सूची में जो नाम दिए है उसके कपिल किरार रोजगार सहायक विजरौनी,दिनेश यादव रोजगार सहायक मांगरौल,ब्रजभूषण गौर रोजगार सहायक राजगढ,बल्लूधाकड रोजगार सहायक चिलावद,रवि धाकड रोजगार सहायक रामनगर,सुरेन्द्र धाकड रोजगार सहायक धंन्धेरा,परमाल सिंह दांगी रोजगार सहायक देहरदा गणेश, राघवेन्द्र दांगी रोजगार सहायक लालपुर,सुरेन्द्र जाट रोजगार सहायक ग्राम पंचायत सेसई,दिनेश धाकड बामौर और अनिल यादव रोजगार सहायक बरौद शामिल है।

इस सूची में सबसे चौकाने बाली बात यह है कि इसमें 11 सचिवों में से 6 किरार समुदाय के है। बताया जा रहा है कि उक्त कदम पूर्व विधायक महेन्द्र यादव ने चुनाव में मिली हार के चलते उठाये है। बताया तो यह भी गया है कि चुनाव में धाकड समुदाय का बहुत बढा महत्व रहा है। परंतु अभी तक उक्त लेटर पर कार्यवाही नहीं हो पाई थी।

तभी आचार संहिता लग गई तो अब यह ट्रासंफर नहीं हो पा रहे। जिसके चलते विधायक अब उक्त लेटर पर कार्यवाही के लिए दबाब बना रहे है। जिसके वचते आज खबर आई है। जिसमें अब पूरानी डेट में उक्त फाईल पर काम करने का बिचार चल रहा है। खबर है कि अब आचार संहिता लगने के बाद उक्त सहायक सचिबों पर बैक डेट में कार्यवाही करने की तैयारी चल रही है।