शिवपुरी। बीते राजे कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई में समाज सेवी कार्यकर्ता अभिनंदन जैन अपने एक साथी को लेकर पालक संघ की ओर से जनसुनवाई कार्यक्रम में पहुंचा। कलेक्टर अनुग्रहा पी. को लिखित शिकायत सौंपते हुए कहा कि स्कूलों छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल ड्रेस गुणवत्तायुक्त नहीं दी है।
बच्चों को ड्रेस छोटी आ रही है। इसे लेकर कलेक्टर ने कहा कि आपने किस लैब में जांच कराई है। इस बात को लेकर अभिनंदन जैन घोटाले की बात कहकर कार्रवाई की मांग करने लगे। यहीं से बहस का सिलसिला शुरू हो गया। बाद में कलेक्टर का सुरक्षा गार्ड आया और हाथ पकड़कर बाहर करने लगा। यहां युवक ने फिर कहा कि मैं बंदूक या बम लेकर थोड़ी न आया हूं, जो इस तरह पकड़कर खींच रहे हो। उसके बाद एक और कर्मचारी आया, युवक को गेट के बाहर निकाल दिया।
उसके बाद कलेक्ट्रेट के चपरासी रामेश्वर सैमिल पुत्र पातीराम सैमिल उम्र 40 साल ने इस मामले की शिकायत सिटी कोतवाली में की। जहां चपरासी ने बताया कि जनसुनवाई कार्यक्रम में आरोपी अभिनंदन जैन आए और स्वयं की कोई समस्या का कोई आवेदन न देते हुए पालक संघ के लेटरपैड पर गण्वेश वितरण संबंधी आवेदन दिया मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को दिया। उसके उपरांत अकारण ही वह तेज आवाज में चिल्लाते हुए जनसुनवाई जैसे महत्वपूर्ण कार्य में व्यवधान उत्पन्न कर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई।
बैसे तो स्वतंत्र भारत में हर आदमी को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार प्राप्त है। इसी अधिकार के चलते कोई भी आदमी किसी की भी शिकायत करने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र है। ऐसा ही मामला कल कलेक्ट्रेट में पहुंचा। जहां अभिनंदन जैन ने पब्लिक की समस्या को रखकर ड्रेस घोटाले में जांच की बात कही। जिसपर कलेक्टर और अभिनंदन जैन में तेज आबाज में बात की वीडियों भी बायरल हुई।लोकतंत्र में अपनी बात को अधिकार पूर्वक रखना अब खतरे से खाली नही हैं।
यहां बता दे कि समाजसेवी अभिनंदन लगातार पब्लिक की समस्याएं रखने के चलते अधिकारीयों के टारगेट पर रहते है। पहले भी तत्कालीन कलेक्टर से भी उनकी झडप हो चुकी है। शायद इसी के चलते उन्हें उक्त कार्यवाही का शिकार होना पडा है। इस मामले में समाजसेवी अभिनंदन जैन पर कोतवाली पुलिस में शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया हैं।