शनिश्चरी अमावस्या: शनि मंदिर पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड | Shivpuri News

शिवपुरी। वर्ष 2019 का पहला शनिवार और आज के दिन अमावस्या होने के कारण यह दिन काफी शुभदायी है और लोग भगवान शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए मंदिरों पर पहुंच रहे हैं। जहां सुबह से ही धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन चल रहे हैं। शहर के नवग्रह मंदिर को अमावस के साथ शानिवार होने के कारण मंदिर को फूलों से सजाया गया है। जहां भक्त पहुंचकर शनिदेव सहित नवग्रह और हनुमान जी के दर्शन कर रहे हैं। इसी तरह जिलेभर में शनि मंदिरों पर भी लोगों का सुबह से रात्रि तक तांता लगा रहा। 

शानि को सबसे क्रूर्र ग्रह माना जाता है। लेकिन शनिदेव कर्मफल देने में भी प्रमुख माने जाते हैं और शनि के बुरे प्रभावों को कम करने के लिए पूजा और विभिन्न उपाए भी किए जाते हैं। माना जाता है कि शनिवार को पडऩे वाली अमावस्या पर शनि को अगर प्रसन्न कर लिया जाए तो वह निर्धन को भी धनवान बना देते हैं और मनुष्य का जीवन सुख और आनंद से भरपूर कर देते हैं और इसी आशा के साथ शनिभक्त शनि मंदिरों पर पहुंचकर भगवान शनि की पूजा अर्चना की। 

शनि पूजा में तांबे के बर्तन का उपयोग है प्रतिबंधित

भगवान शनि की पूजा करते समय तांबे के बर्तन का उपयोग प्रतिबंधित माना गया है। क्योंकि तांबा सूर्य धातु है और ज्योतिष में शानि और सूर्य एक-दूसरे के घोर शत्रु हैं। अगर शनि की पूजा में तांबे के पात्र का उपयोग किया जाता है तो उसका फल अनिष्टकारी माना जाता है। 

शनि पूजा में लाल वस्तु का नहीं होता उपयोग

ज्योतिषाचार्य विकासदीप शर्मा ने बताया कि शनि की पूजा के दौरान लाल वस्त्र, लाल फूल या कोई भी लाल वस्तु का उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि लाल रंग मंगल ग्रह का है और मंगल ग्रह को शनि का शत्रु ग्रह माना जाता है। ऐसी स्थिति में शनि को शत्रु ग्रह का रंग पसंद नहीं है। शनि को सिर्फ अपनी पूजा में नीले या काले रंग का उपयोग ही अच्छा लगता है। इसलिए शनि की पूजा करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। साथ ही पूजा के दौरान यह भी ध्यान रखना चाहिए कि शानि के सामने से कभी दर्शन न करें। ऐसा करने से शनि की दृष्टि सीधे आपके ऊपर पड़ सकती है और इससे आपके जीवन मेें समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। श्री शर्मा ने यह भी बताया कि शनि पूजा हमेशा स्वच्छ स्थिति में करनी चाहिए। शनि की पूजा पैरों को मुंह को धोए बिना नहीं करनी चाहिए। साथ ही गंदे कपड़े पहनकर भी शनि की पूजा नहीं करनी चाहिए।