मीजल्स-रूबेला ​टीकाकरण: जैसे ही टीका लगाया बच्चो की हालत बिगडी, अस्पताल में भर्ती | Shivpuri News

शिवपुरी। इस समय खसरे सहित 9 बिमारियो से लडने वाला मीजल्स-रूबेला के टीके बच्चो में लगाए जा रहे है, प्रशासन हर बच्चे के इसके टीके लगाना चाहता है, इसी क्रम में शहर के इंडियान पब्लिक स्कूल शिवपुरी में स्वास्थय विभाग की टीम टीकाकरण के लिए पहुंची। टीकाकरण के दौरान एक छात्र व छात्रा की हालत बिगड गई। स्वास्थ विभाग की टीम ने दोनों बच्चो का जिला अस्पताल में भर्ती कराया।  

जानकारी के अनुसार 6वीं की छात्रा शिवानी पुत्री दानसिंह सेन निवासी मोती बाबा रोड और कक्षा 7 के छात्र कृष्णा पुत्र प्रीतम प्रजापति निवासी बाबू क्वार्टर रोड की टीका लगने के बाद अचानक हालत बिगड़ गई। 

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ संजय ऋषिश्वर ने बताया कि घबराहट से बच्चों की हालत बिगड़ने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। शाम को छात्रा शिवानी की हालत ठीक होने पर घर भेज दिया है। दूसरे छात्र कृष्णा की भी हालत में सुधार। फिलहाल अस्पताल में भर्ती है। 

क्या है मीजल्स-रूबेला टीका 

मीजल्स (खसरा) : खसरा के वायरस से ददोरा, खांसी, नाक का बहना, आंखों में जलन और तेज बुखार होता है। इसके साथ ही कानों में संक्रमण, निमोनिया, बच्चों को झटका आना, घूरती आंखे, दिमाग को नुकसान और अंत में मौत तक हो जाती है।

रूबेला : महिलाओं में आर्थराइटिस और हल्का बुखार, गर्भावस्था में गर्भपात का खतरा, बच्चों में जन्मजात दोष जैसे सिर का बड़ा होना सहित अन्य शामिल है।

हवा में फैलता है रूबेला वायरस

मीजल्स, मंप्स और रूबेला वायरस हवा में फैलता है। यदि कोई मरीज पहले से संक्रमित है तो इसका वायरस स्वस्थ व्यक्ति को निशाने पर लेता है।

इस अभियान के दौरान बच्चों को टीका लगवाना सुरक्षित हे। टीके को टीकावाहक
(Vaccine carrier) के माध्यम से सही तापमान पर पहुचाया जाता हैं।
ऑटो अक्षम सीरिंज ;।नजव कपेंइसमक (Auto disabled syringes) के माध्यम से हर बच्चे को टीका लगाया जाएगा। एक सीरिंज केवल एक बार में ही उपयोग में लाई जाती है।
सभी टीके वैक्सीन शीशी मॉनिटर (Vaccine Vial Monitor)] , एडी सीरिंज का
इसतेमाल, cold chain  द्वारा उचित तापमान बनाए रखा जाता है जब तक कि बच्चे
को टीका न लग जाये। प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता के द्वारा ही टीकाकरण किया जाएगा।