शिवपुरी। नगर पालिका में सप्लाई की गई फिनोलेक्स कंपनी की नकली केवल के मामले में पुलिस ने आखिरकार FIR दर्ज कर ही ली हैं। इस मामले की शिकायत नगर पालिका परिषद शिवपुरी के सहायक यंत्री आरडी शर्मा ने एक आवेदन के माध्यम से कोतवाली में की। वही इस मामले में फिनोलेक्स कंपनी के मैनेजर मयूर गौतम ने भी कॉपीराईट एक्ट का आवेदन कोतवाली में दिया था। परंतु इस आवेदन पर अभी कार्यवाही नहीं हुई है। पुलिस ने बताया है कि अब कंपनी ने आवेदन बापिस ले लिया है। परंतु नगर पलिका की शिकायत पर पुलिस ने मंगल इंटरप्राईजेज के संचालक पर धोखाधडी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में ले लिया है।
नगरपालिका में लगभग 50 लाख रूपए की फिनोलेक्स कंपनी की केबल सप्लाई के मामले में आज FIR दर्ज कर ली हैं। इस मामले में फिनोलेक्स कंपनी ने जहां कॉपीराइट और ट्रेडमार्क उल्लंघन के मामले में एफआईआर कराने के लिए कोतवाली आवेदन दिया था जिस पर जांच उपरांत नगरपालिका संबंधित ठेकेदार मंगल पाइप के विरूद्ध धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर कर ली है। हालांकि मंगल पाइप एण्ड सेनेट्री के संचालक मोहन मंगल का कहना है कि 9 लाख 84 हजार रूपए की जिस केबल को नकली बताया जा रहा है वह उनके द्वारा सप्लाई नहीं की गई तथा उनके नाम का दुरूपयोग कर नगरपालिका के गठजोड़ से किसी प्रभावी व्यक्ति ने सप्लाई की है।
सवाल यह है कि नगरपालिका के अधिकारियों ने लेबोरेट्रीज परीक्षण में केबल को नकली पाया और इससे साफ है कि शासकीय खजाने को 50 लाख रूपए का चूना लगाया। फिनोलेक्स कंपनी ने भी केबल के नकली होने की पुष्टि की। फिर किन कारणों से पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की। इस मामले में नगरपालिका संबंधित ठेकेदार के खिलाफ धोखाधड़ी और फिनोलेक्स कंपनी ट्रेडमार्क और कॉपीराइट उल्लंघन का मामला दर्ज कर लिया हैं। जिसके लिए नगरपालिका और फिनोलेक्स कंपनी के अधिकारियों ने काफी दौड़ भाग की।
इस मामले मे आज सबसे अहम बात यह सामने आई है कि इस मामले में मंगल इंटरप्राईजेज ने भी एक आवेदन नगर पालिका परिषद शिवपुरी में दिया है जिसमें उन्होने इस केबिल सप्लाई की बात से इंकार कर फर्म को बदनाम करने की बात कही है। अब सच क्या है यह तो जांच के बाद ही क्लीयर होगा। परंतु अब सवाल यह है कि अगर मंगल पाईप ने नपा में सप्लाई नहीं की तो फिर उक्त केबिल नपा में पहुंचाई किसने।
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