कोलारस। कोलारस विधानसभा अंर्तगत आने वाले ग्राम लुकवासा में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। जहां ग्राम पंचायत लुकवासा के सरपंच सचिव और ईजीनियरो की मिली भगत से एक ही रोड को दो बार स्वीकृत कराकर लाखो की राशी का आहरण कर लिया गया है। यह मामला प्रथम दृष्ठता में ही अपनी पूरी कहानी बयान कर रहा है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत लुकवासा में पंच परमेशवर योजना से से बनाई गई सीसी रोड जिसका वर्क नं. 100404698, टीएस नं. 154 मंडी वाॅन्डरी से होते हुए स्कूल वाॅन्डरी तक 02.10.2017 को 12 लाख रूपए की लागत से स्वीकृत की गई थी। उसी आम रास्ते पर दूसरी रोड जिसका वर्क नं. 100515947, टीएस नंबर 522 एबी रोड से हायर सेकेन्र्डी स्कूल की ओर नाम से 14.04.2018 को करीब 14 लाख रूपए की लागत से स्वीकृत हुई थी।
ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव और ईजीनियरो की मिली भगत से यह दोनो रोड एक ही रास्ते पर स्वीकृत करा ली गई। चूंकी यह हाई सेकेन्र्डी स्कूल का एकल मार्ग है जिस पर जालसाजी करते हुए दो सड़को को अलग अलग नामो से स्वीकृत कराते हुए लाखो की राशी का आहरण कर लिया गया है।
ग्राम पंचायत लुकवासा में सरकारी राशी गमन और घटिया निर्माण के कई मामले सामने आ रहे है। लगातार प्रकाशित होने वाले कार्यो की अगर उच्चस्तरीय जांच की जाए तो करोड़ो रूपए के घोटाले ग्राम पंचायत लुकवासा में निकलकर सामने आ सकते है।
ऐसे समझे मामला -
पहली सड़क इसी मार्ग पर वर्ष 2017 में 12 लाख और दूसरी सीसी सड़क इसी मार्ग पर 2018 में 14 लाख की लागत से स्वीकृत कराकर सरकारी राशी का आहरण कर लिया गया है। जिनहे गुमराह करने के लिए सड़को का नाम बदल दिया गया। जबकी इन दोनो सड़को के वर्क नंबर से लेकर एएस, टीएस तक सब अलग अलग है।
साथ ही निर्माण पूरा बताकर दोनो सड़को का भुगतान भी करा लिया गया। यह मामला प्रथम दृष्ठता में ही पूरी कहानी बयान कर रहा है की कैसे ग्राम पंचायत के जिम्मेदार सरपंच सचिव और ईजीनीयरो की मेहरवानी से एक ही रास्ते पर दो सीसी रोड डालकर सरकारी पैसे का आहरण कर लिया है।
सीसी सड़क निर्माण में घटिया साम्रगी का इस्तेमाल सड़क में पड़ी दरारें, कई जगह से टूटी -
वहीं अगर बात ग्राम पंचायत निर्माण एजेंसी द्वारा बनाई गई इस सीसी सड़क की गुणवत्ता की जाए तो गुणवत्ता को मापने वाले सारे पैमाने इस सड़क पर फैल होते नजर आऐंगे। सीसी सड़क चीख चीखकर निमाण में हुई घटिया साम्रगी और गुणवत्ता की कहानी बयान कर रही है।
इस रोड का निर्माण इतना घटिया मटेरियल से किया गया है की सड़क बनने के 5 महीने बाद ही सीसी सड़क अपने असली रूप में आ गई। कई जगह से धसकने के साथ ही कई जगह से बड़ी बड़ी दरारे सड़क में आ गई और कई जगह से टूट गई।
ऐसे में सरकारी निर्माण कार्यो का मूल्यांकन करने वाले सब ईजीनियरो और कार्यो की सीसी जारी करने वाले ईजीनियरो की कार्यप्रणाली भी सवालो के घेरे में है की वह मौके पर क्या देखकर निर्माण कार्यो का मूल्यांकन कर रहे है।
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