यह कैसी प्रतियोगिता: दिव्यांग मासूमों को भूखे पेट दौडाकर आयोजित हुई प्रतियोंगिता | SHIVPURI NEWS

शिवपुरी। विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय दिव्यांग खेलकूद/सांस्कृतिक/सामर्थ्य प्रतियोगिता प्रदर्शन आज प्राथमिक विद्यालय फतेहपुर के खेल मैदान में आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिले भर के आठ तहसीलों से मात्र 70 दिव्यांग छात्रों को बुलाया वहीं दिव्यांग छात्रावास के 85 बच्चों सहित नगर पालिका क्षेत्र के 05 बच्चों ने भाग लेकर अपनी प्रतिभागिता निभाई उक्त बात की जानकारी शिक्षक मनीष जैन ने दी हैं। 

श्री जैन ने बताया कि इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले दिव्यांग बच्चों को ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में दिनांक 1 और 2 तारीख में प्रतियोगितायें आयोजित की गई थी उन्हें चयनित छात्रों को जिला स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल करने के लिए लाया गया हैं। विदित हो कि आखिर कार एक तरफ सामाजिक न्यायविभाग के प्रभारी ब्रहमेन्द्र गुप्ता ने कहा कि रातों-रात तैयारी करके उक्त प्रतियोगिता आयोजित कराई गई हैं। इसलिए इसको विस्तृत रूप नहीं दिया गया। तो फिर तहसील स्तरों पर यह प्रतियोगितायें कब आयोजित हुई और किसने कराई। यह एक सोचनीय सवाल बना हुआ हैं। 

बताया तो यहां तक गया है कि जिला शिक्षा विभाग के खेल अधिकारी महेन्द्र सिंह तोमर ने साफ शब्दों में कहा कि हमसे सिर्फ पीटीआई की मांग की गई जो हमने उपलब्ध करा दिए हैं और जो भी प्रतियोगिता आयोजित कराई गई हैं वह सामाजिक न्याय विभाग एवं जिलापंचायत के सम्बद्ध हैं। लेकिन सवाल तो यह उठता हैं कि जब बच्चों को लाने वाले आठों बीआरसी हैं तो शिक्षा विभाग भी कहीं न कहीं जुड़ा हुआ हैं। 

लेकिन मुख्य बात तो यह रही है कि जब बच्चों को इस विश्व दिव्यांग प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सुबह 9 बजे जिला मुख्यालय पर बुला लिया गया तो उन्हें दो बजे तक नाश्ता भी देना उचित नहीं समझा। भूख से परेशान बच्चों ने कहीं पोंपस, या चिप्स के पैकेट बाजार से मंगाकर अपनी भूख मिटाना पड़ी। वहीं जब कुछ पत्रकारों ने इस बात की जानकारी शिक्षा के विभाग के अधिकारियों को बोली तो उन्होंने आनन फानन में दिव्यांग छात्रावास में दो बजे के बाद भोजन व्यवस्था की गई तब कहीं जाकर उन्हें खाना मिला।

भूखे पेट बच्चों को दौड़ाना कहां तक न्याय संगत हैं। भोजन के बाद सिर्फ दो प्रतियोगितायें हुई जिनमें पेंटिग एवं गायन की प्रतियोगितायें शामिल हैं। लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा दिव्यांग बच्चों के सामने सामान्य शिक्षक होने की बजह से कुछ मुंकवधिर छात्र उनकी भाषा को भी नहीं समझ सके और इसका खामियाजा भी छात्रा को उठाना पड़ा। जिसके कारण छात्र प्रतियोगिता को जीतने में भी असफल रहे। 

लाल कंकरीट के मैदान में दिव्यांग बच्चों की आयोजित हुई प्रतियोगितायें
कहने को तो खेल के मैदान में जहां खेल गतिविधियां आयोजित कराई जाती हैं वहां पर सभी सुविधायें उपलब्ध होना चाहिए लेकिन फतेहपुर विद्यालय के ग्राउण्ड में कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी जहां सिर्फ और सिर्फ लाल कंकरीट के मैदान में दिव्यांग बच्चों को 25 मीटर और 50 मीटर की रेस करा डाली। ऐसे बच्चों को दौड़ाना कहां तक ठी हैं। 

यह आयोजित हुई प्रतियोगितायें 
दिव्यांग को प्रोत्साहित करने के लिए गोला फैंक, 25 मीटर दौड़, 50 मीटर की दौड़, जलेवी रेस, नीबू रेस, ट्राईसाईकिल रेस, कुर्सी प्रतियोगिता, बोची प्रतियोगिता के साथ-साथ सांस्कृतिक, नृत्य, गायन प्रतियोगित के साथ-साथ पेटिंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। 

1 लाख 15 हजार रूपए में आयोजित हुई दिव्यांग प्रतियोगितायें 
दिव्यांग प्रतियोगिता को आयोजित करने के लिए दोनों विभागों को शासन द्वारा सामाजिक न्याय विभाग को 75 हजार रूपए और शिक्षा विभाग को बच्चों को लाने ले जाने सहित अन्य गतिविधियों को संचालित करने के लिए 40 हजार रूपए की राशि आवंटित की गई हैं। दोनों जगह की राशि को जोड़ा जाए तो 1 लाख 15 हजार रूपए की राशि आवंटित कर 200 बच्चों के नाम पर 5 घंटे में ठिकाने लगा दिया। जिसमें सिर्फ और सिर्फ बच्चों के हाथ बिलम्ब से भोजन ही लगा।

दिव्यांग बच्चों को बांटे ट्रेकसूट एवं बोटलें
आज जिले में आयोजित प्रतियोगिता में शामिल होने आए दिव्यांग बच्चों को आयोजन कर्ताओं द्वारा उन्हें पुरूस्कार स्वरूप एक ट्रेकसूट एवं पानी वोटलों का भी वितरण किया गया। जिसमें चाहे छात्र विजयी हुआ हो या नहीं लेकिन उन्हें पुरूस्कार जरूर दिया गया जिससे उन्हें प्रोत्साहित किया गया और इन पुरूस्कारों को पाकर बच्चे खुश नजर आए।