अपने आप को स्वंय बहाल करने वाले डॉ गोविंद सिंह के घर निलबंन का आरोप पत्र चस्पा

शिवपुरी। नियमो का उलझाकर सिविल सर्जन की कुर्सी तक पुन: पहुचने का प्रयास करने वाले पूर्व सिविल सर्जन डॉ गोविंद सिंह के घर सीएमएचओ कार्यालय ने निलबंन का आरोप पत्र चस्पा कर दिया हैं। बताया गया है कि सिविल सर्जन इस आरोप पत्र को लेने से बचने का प्रयास कर रहे थे,और नियमो को उलझाकर अपने आप को स्वंय बहाल घोषित कर लिया हैं। जैसा कि विदित है कि आचार संहिता के दौरान जिला अस्पताल शिवपुरी में कार्यालय के अंदर डॉ गोविंद प्रधानमंत्री और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर अपशब्दों का इस्तेमाल करते देखे गए। वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर डॉ गोविंद सिंह के खिलाफ सिटी कोतवाली में धारा 284, 153 एवं 188 भादवि के तहत मुकदमा दर्ज होने पर संभाग आयुक्त ने निलंबित कर दिया। 


निलंबन के बाद आधार-आरोप पत्र 45 दिन के भीतर जारी होना जरूरी है। इसके बाद निलंबित अधिकारी या कर्मचारी स्वत: बहाल हो जाता है। उक्त मामले में डॉ. गोविंद सिंह ने पिछले दिनों इसी को आधार मानते हुए स्वयं के निलंबन से स्वत: बहाल होने संबंधी पत्र सीएमएचओ कार्यालय शिवपुरी में दिया। उस पत्र के जवाब में सीएमएचओ डॉ शर्मा ने एक और नोटिस जारी कर डॉ गोविंद के घर चस्पा करा दिया है। जिसमें आरोप पत्र 45 दिन के भीतर ही जारी होने का उल्लेख है।

नोटिस में यह लिखा 
डॉ गोविंद सिंह के घर नोटिस में उल्लेखित है कि कमिश्नर ग्वालियर ने 26 अक्टूबर 2018 को निलंबित किया है। कमिश्नर ने 4 दिसंबर को आधार-आरोप पत्र जारी कर दिए, जो 11 दिसंबर को आपकी ओर (डॉ गोविंद सिंह) भेजे, लेकिन आपके द्वारा लेने से इनकार कर दिया। पुन;ङ आरोप पत्र 12 दिसंबर को भेजे, जिन्हें प्राप्त कर लिया। आधार आरोप पत्र 4 दिसंबर को जारी हो चुके हैं, जो 45 दिन की अवधि के अंदर है। 

आपके (डाॅ गोविंद सिंह) आवेदन पत्र में यह उल्लेख है कि आधार आरोप पत्र 45 दिन की अवधि के अंदर जारी नहीं हुए, जो पूर्णता असत्य है। साथ ही 45 दिन की अवधि आपराधिक मामलों में लागू नहीं हाेती। चस्पा नोटिस के माध्यम से सीएमएचओ ने डॉ गोविंद सिंह का आवेदन अस्वीकार कर दिया है।