नई सरकार की पहली जनसुनवाई में देश के लिए 2 युद्ध् लडने वाले सैनिक को दुत्कार कर भगाया | Shivpuri News

शिवपुरी। मप्र में 15 साल बाद सत्ता का परिवर्तन हुआ हैं। भाजपा का कमल मुरझा गया और कांग्रेस का कमल खिल गया। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मंगलवार को पहली जनसुनवाई थी,इस जनसुनवाई में देश के लिए 2 बार युद्ध् लडने वाला एक वीर सैनिक अपनी मांग लेकर जनसुनवाई में पहुंचा था,इस सुनवाई में सैनिक को जो जबाब मिला उससे वह समझ गया कि सरकार बदली हैं,लेकिन प्रशासनिक ढर्रा नही बदला है।

जनसुनवाई में रिटायर्ड सैनिक ने जनता के कष्टो के निवारण हैतु बैठे अधिकारी से कहा कि साहब, मैं कोई ऐसा-वैसा सैनिक नहीं हूं, देश की रक्षा करने में अपना सर्वस्व लुटाया। ये देखो मेडल इसी बात की गवाही है। कलेक्टर तरुण राठी ने मुझे पट्टे देने की बात कही थी और सतनवाड़ा पर यह कार्रवाई भी शुरू हुई पर चुनाव की घोषणा होते ही रुक गई। अब तो आचार संहिता हट गई है। 

नई सरकार भी बन गई, कम से कम सेवानिवृत सैनिक की लाज रख लो। मुझे पट्टे की जमीन दे दो। यह गुहार आर्मी ने सेवानिवृत हुए सरदार दलवीर सिंह लगाते रहे पर एसडीएम ने उनकी एक न सुनी वह बोले कि 10 साल से पट्टे देना बंद हैं। आपको पट्टा नहीं मिलेगा। जब पुराने कलेक्टर तरुण राठी का हवाला देकर कहा कि उन्होंने पट्टा दिया था। यह है कागजी कार्रवाई तो वह बोले कि आप जाकर तरुण राठी जी से ही मिले इतना सुनकर 70 वर्ष के उम्रदराज दलवीर सिंह अपने मेडल दिखाते हुए घर को रवाना हो गए। 

मंगलवार को कलेक्टोरेट में 1965 और 1971 का युद्ध लड़ने दलवीर ने कलेक्टर शिल्पा गुप्ता से मिलने की बात कही। तो उसे बताया गया कि मेडम तो बाहर हैं और यह काम वह भी नहीं करेंगी। पट्टा तो किसी को अब मिलता ही नहीं। तो दलवीर बोले कि उनके बेटे की मृत्यु हो गई है। अब बहू और नाती-पोतों की जैसे तैसे मैं व्यवस्था कर रहा हूं। 

यदि उनकी देखभाल नहीं हुई तो छोटे-छोटे बच्चे भीख मांगने लगेंगे और कल को फिर लोग यहीं कहेंगे कि सैनिक के बच्चे भीख मांग रहे हैं। यह देख फौज में अपने बच्चे कौन भेजेगा। इस पर भी पर अधिकारियों ने उसकी एक न सुनी और नियमों का हवाला देते रहे।