शिवपुरी। अभी सर्दियो ने आहट दी हैं और शहर की प्यास बुझाने वाली घसारही के कंठ सुख चुके है।बताया जा रहा है कि अधिकारियो की लापरवाही से घसारही का पानी चोरी कर लिया गया। जिससे अभी से घसारही में पानी की कमी हो गई,जिससे शहर को पीने का पानी सप्लाई करने वाले फिल्टर प्लांट से शहर को पानी सप्लाई नही हो पा रहा था।
घसाररी में 25 और 29 नवंबर को सात-सात घंटे चांदपाठा तालाब से पानी छोड़ा गया था। इस बार 2 दिसंबर को लगातार 10 घंटे फिर चांदपाठा तालाब से पानी छोडे जाने की खबर आ रही हैं, जिससे शहर में अब 10 से 12 दिन तक पानी सप्लाई हो सकेगा। हालांकि समस्या अभी दूर नहीं हो सकी है।
नगर पालिका के अधिकारियों ने बताया कि चांदपाठा की सुबह 7 बजे मोरी खोली गई थी जिसे शाम 5 बजे बंद कर दिया गया। जबकि इससे पूर्व दो बार मोरी सात-सात घंटी खोली गई थी। जिससे घसारही पर पर्याप्त पानी नहीं पहुंचने से मोटरें रुक-रुककर चलाना पड़ रहीं थीं। शहर में पानी की किल्लत को देखते हुए नगर पालिका ने चांदपाठा से पानी छोड़े जाने की मांग की। इसके बाद पहली बार दस घंटे पानी छोड़ा गया। हालांकि नगर पालिका 24 घंटे पानी छोड़ने की मांग कर रही है।
नगर पालिका के एई आरडी शर्मा का कहना है कि सतनवाड़ा फिल्टर प्लांट चालू कर शहर के कुछ हिस्सों में सिंध का पानी ला रहे हैं। चीलौद टंकी और गांधी पार्क की टंकी भरवा रहे है। करौंदी व चीलौद संपवेल भी भरकर पानी घरों तक पहुंचा रहे हैं। जिससे शहर में पानी की किल्लत दूर होगी।
माधव लेक की दीवार पहले से लीक है जिससे काफी पानी बह गया और पिछले महीने लगातार बीस दिन सिंचाई के लिए पानी छोड़ दिया। माधव लेक खाली हो जाने से शहर में पानी की सप्लाई का संकट खड़ा हो गया। माधव नेशनल पार्क सीमा में स्थित चांदपाठा तालाब से माधव लेक में पानी पहुंचाने को लेकर विवाद हो रहा है। जिसका असर शहर की जनता पर पड़ रहा है। यदि जल संसाधन विभाग ध्यान देता तो आज यह नौबत नहीं आती। बता दें कि अप्रैल महीने में चांदपाठा से पानी छोड़ने की स्थिति बनती थी, लेकिन नवंबर के आखिरी सप्ताह में ही यह हालत निर्मित हो गए हैं।
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