श्रीमद डांगौरी। शिवपुरी में इन दिनों अजीब तरह का खेल चल रहा है। सारे देश में शक्तिशाली का साथ दिया जाता है यहां निर्बल को शक्तिशाली बनाने के लिए च्यवनप्राश खिलाया जा रहा है। शक्तिवर्धक दवाएं दी जा रहीं हैं। सींकड़ी को पहलवान बताया जा रहा है। ऐलान ए आजादी के बिगुल बजाए जा रहे हैं। जिन सूरमाओं में पर्चा भरने की हिम्मत नहीं थी वो समाज को मुक्ति दिलाने का दम भर रहे हैं। कुछ तो ऐसे हैं जो मुगालते का शिकार हो चुके हैं। वो खुलेआम और सोशल मीडिया पर दावे कर रहे हैं। यारे, समझाओ उन्हे: खच्चर की पीठ थमथपाने वो घोड़ा नहीं हो जाएगा।
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